कर्णाटक से ताजुद्दीन जी कहते है कि हमारी वाणी के जरिये सभी विकलांग भाई अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कर रहे है, हमारी वाणी बहुत ही अच्छी कार्य कर रही है। इसी तरह सभी आएगी बढ़ते रहिये।