मीठे गुड़ में मिल गए तिल उड़ी पतंग और खिल गए दिल हर पल सुख और हर दिन शांति आप सबके लिए खुशियाँ लाये मकर संक्रांति ! मकर संक्रांति यानी कि सूर्य के एक राशि से दूसरे यानी मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रांति कहा जाता है। यह देश के अलग अलग भागों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। इस दौरान विभिन्न पारंपरिक पकवान या मीठे व्यंजन तैयार किए जाते हैं। मकर संक्रांति को पतंगों का पर्व , संक्रांति, पोंगल, माघी, उत्तरायण, उत्तरायणी और खिचड़ी पर्व आदि जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है. यह शीतकालीन दिनों के अंत और लंबे दिनों की शुरुआत का प्रतीक है। भारत के विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति मनाने के अपने अनूठे तरीके हैं, जो देश में परंपराओं और रीति-रिवाजों की विविधता को दर्शाते हैं। यह त्यौहार सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व रखता है, इस पावन अवसर पर मोबाइल वाणी के परिवार की ओर से आप सभी को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ।

चलो चलें... घूमना एक प्रवृति नहीं, बल्कि एक कला है। घूमने के लिए एक नज़र चाहिए। हर जगह की एक कहानी होती है। आइए उन्ही कहानियों को जानने की कोशिश करते है। साथियों मोबाइल वाणी लेकर आ रहा है, घुमक्कड़ी पर एक नया कार्यक्रम चलो चलें... जिसमें आप सुनेगें आपके शहर गांव कस्बों के किस्से , एक नए रोचक अंदाज में

इस साल आपके घर खुशियों की हो धमाल, दौलत की ना हो कमी आप हो जाए मालामाल, मुस्कुराते रहो ऐसा हो सबका हाल, तहे दिल से मुबारक हो आपको नया साल... दोस्तों हम कामना करते है की बीते साल की तरह इस साल भी आपके लिए लाभदायक,खुशियों से भरा और स्वस्थ रहे,मोबाइल वाणी परिवार को ओर से आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक बधाई धन्यवाद।

चाँद ने अपनी चाँदनी बिखेरी है , और तारों ने आसमान सजाया है , लेकर तोहफ़ा अमन और प्यार का, देखो स्वर्ग से कोई फ़रिश्ता आया है। आप सभी श्रोताओं को मोबाइल वाणी परिवार की ओर से क्रिसमस पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं .....

सुशासन ही सफलता और खुशहाली की कुंजी है,आज 25 दिसंबर को भारत रत्न भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी का जन्मदिन है, इस दिन को पूरे भारत में सुशासन दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

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दोस्तों, अगर गौर किया जाए तो हमारे आसपास होने वाली छोटी—बड़ी लड़ाईयों, झगड़ों, बहस और नाखुशी के पीछे की वजह अधिकारों का हनन है। महिला है तो उससे आत्मनिर्भर बनने का अधिकार छीन लिया जाता है, बच्चा है तो पढने का, किसी से जाति के नाम पर तो किसी से गरीबी के नाम पर अधिकारों का हनन जारी है और यही है फसाद की वजह। आज जब हम 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस मना रहे हैं तो फिर एक बार इस विषय पर बात करना जरूरी हो जाता है

दोस्तों, लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ सक्रियता के 16 दिन पूरे होने हो हैं... लेकिन हमारा अभियान बदलाव का आगाज जारी है... इस कार्य क्रम में हमने बीते कुछ दिनों में बहुत सी कहानियां सुनी...इन सभी ने हमें प्रेरित भी किया और सोचने पर मजबूर भी...! सोचना ये है कि आखिर कैसे लिंग और पहचान, ऊँच और नीच, अमीर और गरीब, रंग और भेद के नाम पर हिंसा के इस क्रम को रोका जा सकता है..? अगर आपके पास जवाब है तो जरुर रिकॉर्ड करें. साथ ही अपने आसपास से ऐसी और भी कहानियां लेकर हमारे पास आएं... अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

दोस्तों कैसा हो अगर आपको मौका मिले अपने देश... अपने समाज.. अपनी दुनिया को बेहतर बनाने का... फिर चाहे किसी भी रूप में ... अच्छा नागरिक बनकर... जिम्मेदार अफसर बनकर या फिर सैनिक के तौर पर रक्षा करते हुए... वैसे मौके की बात हम करें ही क्यों... भई ये तो हम सबकी जिम्मेदारी है ... है ना..! तो चलिए आज मिलकर मनाते हैं आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस. जहां हम सब मिलकर स्वयंसेवक की तरह अपने समुदाय की बेहतरी के लिए काम करें .. अगर आप पहले से ही ऐसा कुछ कर रहे हैं तो अपनी कहानी रिकॉर्ड करके हम सभी को प्रेरणा दीजिए.. अगर आप कुछ करना चाहते हैं तो अपनी प्लानिंग शेयर कीजिए. यह मोबाइलवाणी मंच आप सबका है .. इसलिए आप सब अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस मनाते हुए अपने विचार यहां जरुर रिकॉर्ड करें .. फोन में नम्बर 3 दबाकर. नमस्कार.

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