झारखंड राज्य के धनबाद ज़िले से बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से कोयला खदान बंद होने पर आधारित एक कविता प्रस्तुत कर रहे हैं।
झारखंड राज्य के धनबाद जिला से तफ़ज़्ज़ुल आजाद एक सफल महिला की कहानी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया जिनका नाम है चिंता देवी। चिंता देवी का जन्म 1 नवम्बर 1978 को गोमो में हुई और चिंता देवी अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय विद्यालय में पूरा की।और आज वे समाज कार्य के क्षेत्र में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहीं हैं।साथ ही लोगों को इंसाफ दिलाने का कार्य भी कर रही हैं। चिंता देवी ने अपनी आप बीती साझा करते हुए बताई कि 1999 में पढ़ाई करने के दौरान इनके सामने एक हादसा हुआ।इनके घर के पास एक परिवार में दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा।उस परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए प्रशासन के समीप चिंता देवी आवाज उठाईं, लेकिन उनकी बातों को नहीं सुना गया।और न ही उस परिवार को इंसाफ नहीं मिल पाया। उसी दिन से चिंता देवी ने अपने मन में यह ठान लीं कि अब वे कुछ ऐसी राहों को अपनाएंगी जिसे उनकी बातों को मानने पर प्रशासन मजबूर हो जाए, और लोगों को इंसाफ मिल जाए। फिर चिंता देवी ने वुमेन राइट संस्था से जुड़ी और आज वे धनबाद जिला सचिव के पद पर कार्य करते हुए क्षेत्र के लगभग दर्जनों लोगों को प्रशासनिक सुविधा मुहैया करवा रहीं हैं और लोगों को उनका हक दिलाने का कार्य कर रही हैं।साथ ही है अब चिंता देवी की बातों को काफी गंभीरता से लिया जाता है।इतना ही नहीं कार्य करते दौरान ही वर्ष 1999 में चिंता देवी की शादी हो गई इसके बावजूद भी आज समाज के कार्यों से हमेशा जुड़ी रहती हैं और लोगों को मानव अधिकार के तहत उनका हक़ दिलाने का प्रयास कर रही हैं।
झारखंड राज्य के धनबाद जिले से खुर्शीद आलम मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि धनबाद जिले के तोपचांची प्रखंड के भूमणशा पंचायत में रहने वाली सबीना खातून जिनकी उम्र 36 वर्ष है और इनके विकलांग है। सबीना खातून अपनी मेहनत मजदूरी कर समाज में अपना नाम रौशन कर रहीं हैं
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झारखंड राज्य के धनबाद जिला से रानी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती हैं कि शिक्षा एक ऐसा हथियार है, जिससे सही और गलत में फर्क करने की सीख मिलती है।वर्तमान समय में उज्जवल भविष्य के लिए शिक्षित होना बेहद अनिवार्य है।ये तो हम सभी जानते हैं लेकिन बच्चों में अभी इतनी समझ नहीं है कि वो इसके महत्व को समझ सकें।हमारे सविंधान के 86वें संशोधन में शिक्षा का अधिकार अधिनियम को वर्ष 2009 में पुरे देश भर में लागू किया गया।लेकिन इस अधिनियम के तहत किये गए प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा है चूँकि स्कूलों में वर्तमान स्थिति यह है कि एक ही शिक्षक पर 4 कक्षा का भार होता है। जिससे सरकारी स्कूलों में शिक्षा का लाभ सही रूप में बच्चों को नहीं मिल पाता है।ऐसे में बच्चों की पढ़ाई कैसी होगी यह विचारणीय विषय है। वे कहती हैं कि सरकारी स्कूलों में गरीब परिवार के बच्चें पढ़ते हैं,ना की किसी अफसर और विधायक के बच्चें। और शायद यही वजह है कि स्कूल प्रशासन,जन प्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन द्वारा इस मामलें पर कोई कार्यवाही भी नहीं की जाती है।आज के समय में अगर हमारे देश के बच्चें ही कमजोर रहेंगे तो हमारे देश का भविष्य कैसे उज्जवल होगा ? इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।इस परिस्थिति को सुधारने के लिए सरकार को प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
झारखंड राज्य के धनबाद जिला से राधू राय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से जल समस्या पर एक कविता सुनाया। इस कविता के माध्यम से उन्होंने बताया कि झारखंड में विकराल रूप लेता जा रहा है। भूमि का जल स्तर लगातार घट रहा है। जंगलों की लगातार कटाई के कारण और वर्षा के समय पर ना होने के कारण पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है
झारखंड राज्य के धनबाद जिला से बीरबल महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से खान क्षेत्र में स्वास्थ्य के दुष्प्रभाव पर एक कविता सुनाया। इस कविता के माध्यम से उन्होंने बताया कि खान क्षेत्र में प्रदुषण काफी हद तक बढ़ता जा रहा है। लोगो में कई बीमारियाँ तेज़ी से फ़ैलती जा रहीं है इसके लिए हम सभी को सचेत रहने की आवश्यकता है।
झारखंड राज्य के धनबाद जिला के महुदा से बीरबल महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कोयला खान क्षेत्र में लोगो के स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। कोयला खदानों से निकलने वाली धूल भी काफी हद तक प्रदुषण को फैलाती है। जिस कारण लोगों में कई तरह की बीमारियाँ फैलती जा रहीं है। गर्भवती महिलाओ में भी इस प्रदूषण का असर देखा जा सकता है। पिने के पानी के प्रदूषित होने के कारण भी लोगों का स्वास्थ्य हमेशा ख़राब होता जा रहा है
राज्य झारखण्ड ,जिला धनबाद ,प्रखंड बाघमारा से बीरबल महतो मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि धनबाद से बीस किलोमीटर दुरी पर बाघमारा प्रखंड के अंतर्गत मोहदा में कोयले की कई खाने कोयला निकालने के लिए जमीं की खुदाई कर जमीन को खोखला बना दिया गया है। जिसके कारण कुआं ,तालाब एवं खेतों में पानी नहीं ठरता है। यहाँ तक की अधिकतर नलकूपों के द्वारा पानी भी नहीं निकलता है। लोग खादानों का पानी का उपयोग कर अपने जीवन को संकट में डाल रहे हैं। यहाँ के किसान पानी के आभाव के कारण खेती नहीं कर पा रहे हैं। लोग रोजगार के कारण अन्य राज्य में पलायन कर रहे हैं। कोल्यारी क्षेत्र में शुद्ध पानी का काफी आभाव होने के कारण अधिकतर लोग रोगो से ग्रषित होते हैं।मोहदा थाना अंतर्गत छत्रुताड़ बस्ती में दो बच्चे हाल ही में इसके शिकार हुए हैं जिनका उम्र दो या तीन वर्ष था।
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