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झारखंड राज्य के गोड्डा जिला के पथरगामा प्रखंड के बन्दरबाग गाँव से अनुजा दुबे झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बतातीं हैं कि आज की महिलाऐं घर,परिवार के कामकाज में सहयोग के साथ-साथ समाज में भी अपना योगदान देना चाहती हैं।वर्तमान में महिलाएं रोजगार कर अपने पति की जिम्मेदारियों में अपना योगदान देना चाहती हैं।लेकिन यहाँ पर महिलाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था नहीं की गई है जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त नहीं हो पा रही है। साथ ही वे कहती हैं कि जिस तरह अन्य राज्यों में महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा कई तरह के रोजगार सृजित किये जाते हैं। उसी प्रकार झारखण्ड में भी महिलाओं को रोजगार मिले इसके लिए सरकार को कोई पहल करनी चाहिए।
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झारखण्ड राज्य के जिला गोड्डा प्रखंड पटरगावा से हमारे श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहीं है की उनकी भी एक बेटी है और अपनी बेटी का सपना पूरा करना चाहती है। उनके पास कोई रोज़गार नहीं है। वो चाहतीं है की उन्हें कोई रोज़गार मिले जिससे वे अपनी बेटी को पढ़ा सके और उसके सभी सपने पुरे कर सके।
झारखण्ड राज्य के गोड्डा जिले से अनुजा दुबे जी मोबाइल वाणी के माध्यम से रोजगार मांग रहीं है ताकि वे अपनी बेटी के स्कूल की फीस भर सके एवं उन्हें अच्छी शिक्षा से अवगत करा सके
झारखण्ड राज्य के गोड्डा जिले से अनुजा दुबे जी मोबाइल वाणी के माध्यम से महिलाओ के लिए एक दिन कविता की सराहना करते हुए कहतीं है। मालाओ को आज़ादी का एक दिन ज़रूर मिलना चाहिए। महिलाओ के अंदर भी बहोत कुछ करने की इक्क्षा होती है लेकिन घर परिवार के कार्यो के कारण वे अपनी इकक्षाओ को पूरा नहीं कर पातीं है। इसलिए महिलाओ को आज़ादी का एक दिन ज़रूर मिलना चाहिए।
झारखंड राज्य के गोड्डा जिला के पथरगामा प्रखंड से अनुजा देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं, कि आज के युवा नशा की ओर लीन होते नजर आते हैं। इसके पिछे माता-पिता ज़िम्मेदार होते हैं क्योंकि आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में माता पिता अपने जिम्मेदारियों से पीछे हो कर अपने कार्य क्षेत्र में व्यस्त हो जाते हैं। नतीजन बच्चे खुद को अकेला महसूस कर दोस्तों की संगत में बिगड़ते जाते हैं, और नशा का सेवन करने लगते हैं। परिवार से दूर रह कर बच्चे सामाजिक माहौल को नहीं पहचान पाते हैं। इससे नई पीढ़ी पूरी तरह से बरबाद होती नजर आती है। अतः अभिभावक को यह सन्देश देती हैं की वे अपने बच्चों को अधिक से अधिक समय दे, बच्चों को अच्छा बुरा का पहचान करवाएँ, साथ ही समाज में कैसे जीना चाहिए इसकी शिक्षा दे। हर परिस्थिति का सामना कैसे करना चाहिए इसकी जानकारी देनी चाहिए।
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