पूर्वीसिंहभूम:गोविन्दपुर निवासी भूतपूर्व सैनिक रामनाथ सिंह और डॉ हिमांशु डे घरेलु हिंसा पर चर्चा कर रहे हैं जिसमे डॉ हिमांशु दे कहते है कि हिंसा किसी के साथ भी होती है बाप-बेटे के साथ घर में बच्चो के साथ होने वाली हिंसा घरेलु हिंसा के श्रेणी में आता है.रामनाथ जी कहते है अक्सर देखा जाता है कि स्त्रियों के साथ दहेज के कारन शारीरिक और मानशिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है इसके लिए सरकार ने कई कड़े कानून बनाया गया है सरकार ने आईपिसी की धारा 498 बनाया गया.डॉ हिमांशु दे कहते है कि आईपिसी की धारा 498 दहेज़ के लिए ही बनाया गया लेकिन दहेज़ के लिए न सिर्फ लड़के वाले दोषी हैं बल्कि लड़की वाले भी दोसी है क्योंकि लड़की वाले खुद दहेज़ देते है।अगर लड़की वाले यह थन लें की हम दहेज़ देकर लड़की कई शादी नही करेंगे तो लड़के वाले भी मजबूर हो जायेंगे बिना दहेज़ लिए शादी करने के लिए.साथ वे कहते हैं आईपिसी की धारा 498 का कभी कभी गलत फ़ायदा उठाया जाता है और महिलाएं पुरुषों पर या लड़की के घर वाले लड़की ससुराल वालों पर गलत इलज़ाम भी लगते है.लेकिन अगर दोनों परिवार किसी भी मुद्दे पर उठे विवाद को आपस में मिलकर सुलझा लेते है तो घरेलु हिंसा का मुद्दा का समाधान हो सकता है.