झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला से जे एम रंगीला झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से दिनांक 11-04-20 को बताया कि झारखण्ड मोबाइल वाणी पर 07-04-20 को एक खबर का प्रसारण किया गया था जिसमे किसान हरेन्दर कुमार महतो से साक्षात्कार लिया गया था। खबर का शीर्षक था "भूमिहीन किसान लॉक डाउन के दौरान पहुँचे भुखमरी के कगार पर ".खबर में बताया गया था कि हरेन्दर कुमार महतो की ज़मीन 25 एकड़ ज़मीन को वर्ष 1984 में सीसीएल द्वारा ले ली गई थी। उन्हें 1.5 एकड़ तक नौकरी देने का प्रावधान है। हरेन्दर जी का नियुक्ति पत्र 1994 से सीसीएल द्वारा रोक कर रखा गया है। इस कारण अभी भी वे बेरोज़गार है । खदान होने के कारण उनकी भूमि भी बेकार पड़ी है। पानी के अभाव के कारण वो खेती करने में भी असमर्थ है। चूँकि वो किसानों की बड़ी जाति में आते है इसलिए उनका लाल राशन कार्ड भी नहीं बना है। अब जब लॉक डाउन हो चुका है तो उनका परिवार भुखमरी के कगार पर आ चुका है। सीसीएल द्वारा कोई भी सहायता नहीं मिल रही। इस खबर को वाट्सप और फेस बुक में शेयर कर जिला के उच्चाधिकारियों सीसीएल के अधिकारीयों को सुनाया गया था। इस खबर का असर यह हुआ कि सीसीएल प्रबंधन ने सीएसआर फण्ड से खदानों से प्रभावित गावों व कारों को जवाहर नगर में जीएम एम डी राव ने नौ अप्रैल को जरुरत मंदों को राशन बाटने का सुभारम्भ किया। 11अप्रैल को फेज़ -2 गोविन्द पुर राशन बांटा जा रहा है। इसकी अगुवाई कार्मिक प्रबंधक निखिल अघोरी डीएड के प्रक्षेत्र और ट्रेड यूनियनों के संयुक्त सलाहकार समिति के सदस्य गजेंद्र प्रसाद सिंह ,गणेश प्रसाद महतो ,विजय कुमार भोई ,टीनू सिंह ,शक्ति प्रसाद मंडल,मधुसूदन आदि ट्रेड यूनियन नेता आदि सक्रीय भूमिका अदा कर रहे हैं।