झारखण्ड के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखण्ड से सुमंत कुमार जी मोबाईल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि बाल विवाह को रोकने के लिए निचली स्तर यानि पंचायत स्तर से लेकर ऊपरी स्तर यानि की राज्य स्तर तक जितने भी प्रतिनिधिगण हैं उन्हें अपने स्तर से लोगों को जागरूक करने के लिए प्रयास करना चाहिए।प्रतिनिधियों का यह कर्तव्य बनता है कि वे लोगों को सरकार की ओर से लड़कियों को मिलने वाले तमाम योजनाओं के लाभ के बारे में बताना चाहिए। साथ ही इसे रोकने के लिए समय-समय ग्रामीण इलाकों में नुक्क्ड़ नाटक और जागरूकता सभा का आयोजन करना चाहिए। ताकि आम लोग इसे समझ सकें । क्योंकि समय से पहले लड़कियों की शादी करने पर ना तो वो शारीरिक रूप से सक्षम होती है और ना ही मानसिक रूप से उनका विकास हो पाता है। और इस तरह से उनकी शिक्षा भी अधूरी रह जाती है। बाल विवाह को रोकने के लिए सयुंक्त स्तर पर प्रयास होने चाहिए तभी बाल विवाह रुकेगा।