झारखंड राज्य के धनबाद जिला के तोपचाँची प्रखंड से रविंद्र महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बाल विवाह समाज के लिए एक अभिशाप है। भले ही सरकार द्वारा बाल-विवाह को रोकने के लिए क़ानून बनाया गया है , किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बाल विवाह जारी है। जब बच्चों की पढ़ने की उम्र होती है , तो वें गृहस्थ जीवन के चक्र में उलझ जाते है। जिसका परिणाम यह होता है कि वे गरीबी का दंश जीवन भर झेलते रहते है। दूसरा कि कम उम्र में लड़के तथा लड़कियों की शादी के कारण वें दिमागी तौर पर परिपक्व नहीं हो पाते है। लड़कियों के कम उम्र में गर्भ धरण करने के कारण भी जच्चा-बच्चा दोनों अस्वस्थ भी रहते है।