जिला हज़ारीबाग़ के दाड़ी प्रखंड से मोहम्मद असरार अंसारी जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि यह बात पूरी तरह से सच है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यंहा के 70% लोग कृषि पर ही निर्भर रहते हैं ठीक उसी प्रकार झारखण्ड में भी 70 से 80% लोग कृषि पर ही निर्भर हैं। लेकिन वर्तमान समय में किसान अपने परिवारों का भरण-पोषण ठीक ढंग से कर सके इस उद्देश्य से रासायनिक खाद के साथ-साथ कीटनाशक दवाईयों का इस्तेमाल अधिक संख्या में कर रहे हैं।जिससे खेतों की उर्वरक शक्ति ख़त्म होती जा रही है।साथ ही इससे उपजे पदार्थों को खाने से कई नुकसान होने की संभावना बनी रहती है।हालांकि इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा खेतों में जैविक खाद का प्रयोग बढ़ाने की दिशा में पहल की जा रही है, लेकिन लोगों तक इसकी सही जानकारी नहीं पहुँच पा रही है।ठीक उसी प्रकार दाड़ी प्रखंड में 50% किसानों के पास जैविक खाद की जानकारी नहीं है।इससे पहले किसान घरेलु खाद यानी जानवरों के गोबर को खाद के रूप में अपने खेतों में इस्तेमाल करते थे।लेकिन वर्तमान समय में इसका उपयोग ना के बराबर हो रहा है।