जिला बोकारो पेटरवार से सुषमा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि 18 वर्ष से कम उम्र में विवाह करना बाल विवाह एवं हिंसा कहलाता है।क्योकि विवाह करने के बाद लड़कियों को अनेक प्रकार से ताना सुनना,मारपीट करना,दहेज़ प्रताड़ना,आजादी छिन्न जाना एवं अनेक प्रकार के हिंसा से जूझना पड़ता है और बाल विवाह होने के बाद दहेज़ की मांग पूरी नहीं होने पर उनकी हत्या कर दी जाती है, या परिवार वाले दहेज़ देने में असमर्थ होते हैं तो लड़की तंग आ कर आत्महत्या कर लेती है।परिणाम आज देश में लड़कियों की संख्या में कमी देखि जा रही है।प्रशासन कानून के होने के बाद भी आए दिन हत्या की खबर आती है। अतः बाल विवाह हो रोकना अतिआवश्यक है। बेटियों को शादी के बजाय बेहतर शिक्षा दें ताकि आगे जा कर बेटियां खुद पर होते हिंसा का सामना आसानी से कर सके।