जिला बोकारो पेटरवार से सुषमा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि बाल विवाह एक प्रकार का कम उम्र का विवाह तथा कुरीति है। इसे अभिशाप भी माना गया है। लड़कियों के बाल विवाह होने से उन्हें आर्थिक,सामाजिक तथा मानसिक विकास पर अवरोध एवं प्रभाव पड़ता है। और लड़कियों के मानसिक संतुलन ख़राब होता जाता है।उनकी पूरी जिंदगी तनाव भरा होता है साथ ही उनके शिक्षा दीक्षा पर भी ख़राब प्रभाव पड़ता है।जिससे लड़कियां अंदर ही अंदर कुढ़ कर रह जाती है।वे चाह कर भी शिक्षा ग्रहण नहीं कर पातीं हैं और उन्हें चार दिवारी के अंदर रहना पड़ता है पढाई पूरी नहीं होने के कारण लड़कियां अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाती हैं और इससे उनका रोजगार का मार्ग बंद हो जाता है।घर पर रह कर उन्हें अनेक प्रकार के कष्टों का भी सामना करना पड़ता है, घर परिवार बसना,बच्चे की परवरिश की चिंता सताने लगता है। आर्थिक तंगी से जूझ पड़ता है विवश में आ कर समाज और परिवार से घिर कर प्रताड़ना का शिकार बनती जातीं हैं ऐसी स्थिति में आ कर लड़कियां आत्महत्या करने पर भी मजबूर होती जाती हैं। अतः बाल विवाह पर रोकथाम करें तथा उन्हें भी बेहतर शिक्षा दें।