दुमका जिला से शैलेन्द्र सिन्हा और ऐकम कुमार सिंह जी जो झारखण्ड विकलांग संघर्ष मोर्चा का सचिव हैं ये मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि इन्होने उपायुक्त महोदय को 3 dec 2013 विश्व विकलांग दिवस के शुभ अवसर पर 10 मांग रखे थे जिसमे से है आवासीय विद्यालय जिला अस्तर पर होना चाहिए, प्रत्येक विकलांगो को रेलवे पास किया जाय, BPL में नाम दिया जाय, इत्यादि जिसमे से अभी तक एक भी मांग पूरा नहीं हुआ है और न ही कोई सुनवाई हुआ| 2011 की जनगणना के अनुसार दुमका जिला में कुल 27000 विकलांग है इन विकलांगो को कोई सुविधा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है रहने के लिए इंद्रा आवास भी नहीं मिलता है| बहुत सारे विकलांग जो शिक्षित है उसे रोजगार नहीं मिलता है| इन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है जिससे ये जागरूक तो होते है लेकिन उसके लिए इन्हें ऋण नहीं मिलता|