जिला बोकारो पेटरवार से सुषमा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि वर्तमान समय में किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्या। एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है । यदि इसी तरह से किसानों की ऐसी स्थिति बनी रही, तो किसान कभी भी खेती नहीं करेंगे और भारत की स्थिति दयनीय हो जाएगी। फलस्वरूप जनता को दाने-दाने के लिए तरसना पड़ेगा।ऐसी स्थति में सरकार द्वारा किसानों पर विशेष ध्यान दे कर उन्हें प्रोत्साहित करने की जरुरत है। साथ ही ऋण माफ़ी कर किसानो को अधिक से अधिक लाभ मुहैया कराने की आवश्यकता है ताकि किसान खेती करने के लिए उत्साहित हो।यदि सरकार किसानों की वस्तु-स्थति को देखते हुए इस मामले को गंभीरता पूर्वक लेगी तो किसानों का ऋण बिलकुल माफ़ हो सकता है।किसानों का जीवन केवल कृषि पर ही निर्भर होता है। ऐसे में कभी-कभी किसानों को फसल उपज करने में कई तरह की परेशानी जैसे-सुखाड़,समय पर बारिस न होना आदि से भी खेती करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही सरकार द्वारा बीज मुहैया नहीं कराई जाने पर किसान समय पर फसल उपज नहीं कर पाते हैं। और यदि सरकार समय पर खाद्य,बीज मुहैया कराती भी हैं तो बिचौलियों द्वारा किसानो तक नहीं पहुंचाया जाता है। वहीं ग्राम पंचायत में कृषि सम्बंधित बनाई गई योजना के तहत भी किसानों को किसी भी तरह का लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसी स्थिति में कई बार किसान आंदोलन करने पर मजबूर हो जाते हैं।