अंगरेजों के जमाने में बना 124 वर्ष पुराना धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग 14 जून की मध्य रात्रि से बंद हो गया. अब इस मार्ग पर किसी भी तरह की ट्रेन का परिचालन नहीं होगा. 43 KM के इस रेललाइन के दोनों ओर घनी आबादी बसती है. रेलमार्ग के दोनों ओर कोयला खदान के अलावा बीसीसीएल की कॉलोनियां भी हैं। डीजीएमएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक धनबाद और चंद्रपुरा के बीच बिछी रेलवे लाइन के नीचे कोयले में आग फैल चुकी है। जिसके चपेट में कई जान जा चुकी है और आगे जा भी सकती है। इस कारण सरकार ने ट्रेनों का परिचालन बंद करने का फैसला किया है. सरकार के यह फैसला इस रूट पर हर दिन यात्रा करनेवाले लाखो यात्री के जनजीवन को किस तरह से प्रभावित कर रहा है...? क्या सरकार द्वारा उठाया गया ये कदम सराहनीय है ? क्या इस कदम को उठाने से पहले सरकार को कोई दूसरा विकल्प भी तैयार रखना चाहिए था ?धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन के बंद होने से,यात्रिओं को किन-की और कैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ? क्या इससे आम लोगो के जीविकोपार्जन पर भी कोई प्रभाव पड़ेगा ?