राजेश्वर महतो विष्णुगढ़ से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि किसान चिंतित है और व्यपारी वर्ग की चांदी है। किसान अन्नदाता होते है लेकिन सरकार किसान के दर्द पर ध्यान नहीं देते। सही समय में धान का खरीद,क्रय -विक्रय के लिये सरकार को केंद्र खोलना चाहिए। बिहार प्रदेश में नितीश सरकार द्वारा 1470 रूपए प्रति क्विटल तथा 200 रूपये बोनस के रूप में किसानों को दे रहे है। सरकार ने वहाँ दर भी खोल दिया है परंतु झारखण्ड में अभी तक कृषि मंत्री तथा मुख्य राजबाला वर्मा ने ये घोषणा किया है कि यहाँ भी इस दर में ख़रीदा जाये। व्यापारी को भी औने-पौने भाव में किसान बेच रहे है। खाद ,बीज ,मजदूरी ,श्रम सिचाई भी महंगा हो गया है। यहाँ तक कि डीजल में भी सब्सिडी नहीं मिलता है। किसान कर्ज में दुबे हुए है। इसलिए सरकार के सचिव राजबाला वर्मा से आग्रह है कि छत्तीसगढ़ ,बिहार की तरह झारखण्ड प्रदेश में धान की खरीदारी गावँ तथा पंचायत स्तर में कैंप लगा कर टैक्स या कृषि पदाधिकारी के सहयोग से खरीदें। ताकि सबका साथ-सबका विकास की नीति सच नजर आये। सरकार ने घोषणा भी नहीं किया है टैक्स अध्यक्ष एक महीना पहले ही किसान का रजिस्ट्रेशन के दस्तावेज मांग चुके है लेकिन अब तक ऐसा कुछ भी समाचार नहीं मिला है।