धरहरा प्रखंड के पचरूखी खरवा मैदान में सात दिवसीय भागवत कथा का आयोजन किया गया , जिसका शुभारंभ गुरूवार से ही कथा वाचक आचार्य श्री शिवानन्द झा के द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ शुरू किया गया । मौके पर सुधीर झा , विवेकानंद झा , गौतम कुमार , हीरो पासवान सहित सैकड़ों श्रोता मुख्य रूप से मौजूद थे । वहीं शुक्रवार को कथावाचक आचार्य शिवानंद झा ने श्रीमद् भागवत पुराण की महिमा का विवेचन करते हुए बताया कि इसके श्रवण से राजा परीक्षित को भी मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और कलियुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलता हैं। श्रीमद् भागवत कथा सुनने से प्राणी को मुक्ति प्राप्त होती है , इसलिए हमें अपने जीवन व व्यवहार में श्रीमद् भागवत कथा के सार को धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते रहना चाहिए । अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म - कल्याण करें ,अन्यथा यह कथा केवल मनोरंजन, कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी। भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है तथा इससे मन की संशय भी दूर होती है और शांति व मुक्ति मिलती है। उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण मात्र से जन्म - जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं तथा लोग भवसागर से पार हो जाता है और सोया हुआ ज्ञान - वैराग्य भी कथा श्रवण से जागृत होता है । श्रीमद् भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है । इसलिए लोगों को श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए ।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।