छोटे मोटे रैय्यत भू- विवाद के निराकरण हुआ आसान बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम 2009, द्वारा भूमि सुधार उप समाहर्ता को छोटे मोटे रैयती जमीन से जुड़े झगड़े सुलझाने के लिए सक्षम प्राधिकार बनाया गया है। चुॅकि आये दिन स्वामित्व अभिलेख संबंधी मामले, जमाबंदी मामले, रैयतो की जबरन बैदखली, सीमा विवाद समस्याएॅ आते रहते है। अब इन समस्याओं का निराकरण हेतु कोई व्यक्ति सीधे संबंधित डीसीएलआर के कोर्ट में आवेदन कर सकते है। उन्हें सक्षम प्राधिकार को किसी आवेदन या शिकायत पर किसी मुद्दे की सुनवाई तथा न्याय निर्णय करने का अधिकार होगा। समक्ष प्राधिकार यह प्रतीत होता है कि उसके सक्षम दायर वाद में टाइटल न्याय करने का पेचीदा प्रश्न निहित है तो वह कार्रवाई बंद कर देगा। पक्षकार तब व्यवहार न्यायालय जाने के लिए स्वतंत्र होगा। सक्षम प्राधिकार द्वारा विवादो के त्वरित निराकरण के लिए अधिकतम 03 माह के अंदर न्याय निर्णय कर देगा। छोटे मोटे रैयतों का अब निराकरण आसान हो चला है। 03 माह के अंदर सुनवाई की जाती है। अब तक डीसीएलआर सदर द्वारा इस प्रकार के 05 आवेदन पर सुनवाई की जा रही है। इसलिए भूमि विवाद से जनित किसी समस्या को निपटाने के लिए अंचल स्तर पर शनिवारी जनता दरबार या छोटे मोटे रैयती विवाद समाधान के लिए कोई व्यक्ति संबंधित डीसीएलआर के कोर्ट आवेदन देकर त्वरित समाधान का लाभ उठाए।