बिहार राज्य के जिला मुंगेर के नौवागढ़ी दक्षिण पंचायत के ग्रामीण पंकज प्रीतम ने बताया कि मुखिया का कार्य विकास का है और वह निर्वाची पदाधिकारी होती है इसलिए मुखिया वैसा हो जो अपने अधिकारों को समझे और जनता से सहज रूप से मिले उनकी समस्याएं सुने और उसका निराकरण करने के लिए संघर्षरत रहे , जो जनता को योजनाओ का लाभ दिलाये। इनका कहना है आजकल अक्सर देखा जाता है कि मुखिया पुरे लाव - लश्कर के साथ बोलेरो वाहन से चलते है ऐसा में जनता उनसे अपनी समस्याए नहीं कह पाती है। इसलिए मुखिया को दबंग नहीं होना चाहिए। साथ ही जो शबाब कबाब और पैसे के बल पर वोट बटोर कर जिसका मकसद ही है सता हथियाना वैसा मुखिया नहीं चाहिए एवं लोगो को वैसे मुखिया का चुनाव भी नहीं करना चाहिए। साथ ही इनका कहना है कि वर्तमान में जो मुखिया जीत कर आये उसका प्रमुख कार्य जनता की जरुरत को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन होना चाहिए । इन्होने बताया कि सरपंच जो होता है पंचायती राज व्यवस्था की न्यायपालिका का प्रमुख होता है और जिला परिषद् जिला में योजनाओं को लाता है और क्षेत्र के विकास के लिए योजना बनाता है।