जमालपुर में त्रिकोणीय नहीं चतुष्कोणीय मुकाबला सवर्ण नेता पर रहे भारी। चतुष्कोणीय मुकाबले में शैलेश कुमार अजय कु. सिंह, दुर्गेश सिंह,सुबोध ताँती शामिल हैं। मुंगेर। जमालपुर विधानसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय नहीं बल्कि चतुष्कोणीय मुकाबला होने की संभावना बढ़ गई है और इस मुकाबले के बीच जदयू नेता अपना ही राग अलाप रहे हैं। जो लिंक से हटकर हैंं। मुंगेर जिला क्षेत्र में 28 अक्टूबर को मतदान हुआ। दुर्गा पूजा को लेकर हुए गहमागहमी की स्थिति थी तथा शासन प्रशासन एवं नागरिकों में ऊहापोह की स्थिति थी । इस बीच प्रत्याशी अपनी जीत का दावा अलग-अलग ढंग से कर रहे हैं । जदयू नेता गोपाल मंडल ने कहा कि विधायक शैलेश कुमार 15 से 20 हजार वोट से जीत रहे हैं। जो कई लोगों के गले नहीं उतर रहा हैंं। क्योंकि वोट जिस हिसाब से हुआ है। जीत का आंकड़ा काफी कम होगा। पिछले साल शैलेश कुमार करीब 15000 वोट से जीते थे । उस वक्त जदयू व राजद गठबंधन में थी। वहीं दूसरी ओर भाजपा व लोजपा गठबंधन के प्रत्याशी हिमांशु कुवंर दूसरे नंबर थे। वही सवर्ण वोट भी काफी संख्या में जदयू को दिया गया था। उस वक्त ललन सिंह मजबूत थे और अच्छी पकड़ थी। साथ ही ताँती जाति के लोग जदयू के साथ थे। ठीक विपरीत परिस्थिति के बीच चुनाव हुआ है और कई खेल वेल भी देखने को मिले हैं। इनडायरेक्ट वे में देखा जाए तो कई प्रत्याशी के चेहरे की मुस्कान और दर्जनों वार्ड आयुक्त के चेहरे की मुस्कान फीकी पड़ गई हैंं। जो अलग ही इशारा कर रहा हैंं। चुनाव समीक्षा को देखा जाए तो जमालपुर विधानसभा 2020 के चुनाव में कुल 19 प्रत्याशी मैदान में थे। जिसमें शैलेश कुमार के साथ प्रतिद्वंदी में दो सवर्ण जाति के प्रत्याशी उतरे थे। जिसमें लोजपा प्रत्याशी दुर्गेश सिंह एवं कांग्रेस प्रत्याशी अजय कुमार सिंह शामिल है। इन दोनों में दुर्गेश के समर्थक तो खुलेआम जीत का दावा भी ठोंक रहे हैं। जो जदयू को जरा सा भी नहीं भा रहा है। वही कांग्रेस के प्रत्याशी अजय कुमार सिंह मौन है। इन दोनों सवर्णों के बीच वोट बटना तय हैं। जो वोट जदयू का ही कटेगा। वही अनेकों भाजपा के ऐसे नेता थे । जो खुलकर तो नहीं अप्रत्यक्ष रूप में दुर्गेश सिंह के साथ थे और वोटिंग में लोजपा को समर्थन किया। वहीं दूसरी ओर सबसे अहम बात यह रही कि अपने ही घर के लोग बागी हो गए। बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुबोध ताँती चुनाव मैदान में थे। जो पहले राजद में थे।यह वोट 2015 के चुनाव में जदयू को मिला था। इसबार 35 हजार जो ताँती जाति के वोट सुबोध ने सेंधमारी कर दी और खुलेआम जीत का दावा कर रहे हैं ।क्योंकि इस जाति के यही एकमात्र उम्मीदवार थे, साथ ही समाज के लोकप्रिय नेता भी। इस जाति के वोट का नुकसान होने की उम्मीद है। यदि इन्हें ताँती जाति के लोगों ने वोट किया तो किसी के भी जीत का आंकड़ा ज्यादा नहीं होगा। वैसे शैलेश कुमार का कई जगह विरोध भी किया गया। इसके बावजूद वह चुनाव में डटे रहे। अच्छी सफलता मिलने की भी उम्मीद है। लेकिन जमालपुर का यह इतिहास रहा है कि जिसे हराया फिर गले नहीं लगाया भले ही प्रत्याशी को स्वर्ग क्यों नही सिधारने पड़े। वही यह भी चर्चा बाजार में गर्म है कि एक प्रत्याशी के ठेकेदार वोटिंग कराने के लिए घर से नहीं निकले। जिसका हिसाब बाद में किया जाएगा । यह भी चर्चा जोरों से गर्म हैं। शहर में सौ मुँह-सौ बात हो रही है। जिधर जाओ अपने जीत का डंका पीट रहे हैं। मतदाता भी उतने ही तेज और तर्रार है जिधर की हवा देखते हैं। उधर की बात करते हैं। प्रत्याशी के पसीने छूट रहे हैं । वही एक प्रत्याशी ने यह बात कहा कि मैं जीतूंगा तो ताज का सेहरा होगा। ओर यदि वो हारेंगे तो क्या होगा।वहीं जीत का दावा करने वाले प्रत्याशियों में धीरेंद्र कुमार,इन्द्र देव दास, महेश यादव,पप्पु यादव कपिल देव मंडल सहित अन्य भी शामिल हैं।