बिहार राज्य के जिला मुंगेर के धरहरा प्रखंड से अनिल कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि ये राजमिस्त्री का कार्य करते है और बहुत कोशिशों के बावजूद मजदूर कार्ड बना पाए है।इन्हे कार्ड के मार्फत जनवरी 2019 में 3000 रूपया मिला है। लेकिन अभी भी कई ऐसे मजदूर है जो कार्ड बनवाने के लिए प्रयासरत है पर उनका कार्ड नहीं बना है।मुंगेर जिले के श्रम संसाधन विभाग के अधिकारियो द्वारा मजदूरों का शोषण किया जाता है ,कहा जाता है आज आवो कल आवो मजदुर कार्ड बन जायेगा पर वो नहीं बनाते है। इस तरह से मजदूर थक हार कर बैठ जाते है।बहुत से मजदूर का कार्ड बन भी गया है पर उन्हें किसी प्रकार का उस कार्ड के जरिये लाभ नहीं मिला है। कार्ड के अनुसार मजदूरों का वृद्धा पेंशन होना चाहिए या घर के मरम्मत के लिए जो राशि मिलनी चाहिए वो नहीं मिलता है । नहीं मिलने पर मजदूर कहते है कि कुछ मिलता ही नहीं तो कार्ड क्यों बनवाएंगे। मुंगेर क्षेत्र में कभी काम मिलता है कभी काम नहीं मिलता है मजदूर वर्ग किसी तरह अपना भरण-पोषण करते है।काम नहीं मिलने से बहुत से लोग दिल्ली और पंजाब चले जाते है।अत: बिहार सरकार को मजदूर वर्ग पर ध्यान देना चाहिए उनके लिए रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे वे अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके।