गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू धान की फसल में लगने वाला कंडवा रोग के उपचार के बारे में जानकारी दे रहे हैं ।
गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू बैंगन के पौधों एवं फलों में लगने वाले रोग और कीटाणु से बचाव के बारे में जानकारी दे रहे हैं ।
गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू बैगन का पौधा रोपाई करते समय ध्यान रखने वाली बातों की जानकारी दे रहे हैं ।
गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू बैंगन की नर्सरी को रोग एवं किट से बचाने की जानकारी दे रहे हैं।
गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू धान की नर्सरी में दवा और खाद का प्रयोग कब और कैसे करना चाहिए इसके सम्बन्ध में जानकारी दे रहें हैं।
गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू उन्नत विधि से धान की खेती और बिचड़ा के हैंडलिंग की जानकारी दे रहें हैं।
गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास साहू जानकारी दे रहें हैं धान के बिचड़ा को कैसे तैयार किया जाए। उन्होंने बताया कि सारा बिचड़ा एक ही दिन में तैयार नहीं करना चाहिए, बिचड़ा को तैयार करने के लिए क्रमबद्ध तरीक़ा के साथ साथ मौसम का भी ख़ास ध्यान रखना चाहिए .
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जीबदास साहू लतर वाली फसल से अच्छी उपज कैसे ली जाए, इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं। पूरी जानकारी विस्तार से सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
नमस्कार, आदाब दोस्तों ! स्वागत है आपका मोबाइल वाणी और माय कहानी की खास पेशकश कार्यक्रम भावनाओं का भवर में। साथियों हम सभी 21 वीं सदी में जी रहे हैं और आज के इस चकाचौंध भरी दुनिया में सादगी के बजाय दिखावा, तुलनात्मकता और भेदभाव ज्यादा देखने को मिलती है। और यह भेदभाव लगभग सभी क्षेत्र में देखने को मिलती है , चाहे रूप रंग हो या रहन सहन, अब न चाहते हुए भी एक दूसरे से तुलना करने ही लगते है। पर दोस्तों यह भी सच है कि आज के समय में लोगों के ऐसे तुलनात्मक सोच और बातों को एक तरफ रख कर आगे बढ़ने की जरुरत है. वो कहते है न , कुछ तो लोग कहेंगे , लोगों का काम है कहना ! तो चलिए आज की कड़ी में जानते है कि हम सभी के लिए कितना जरुरी है खुद को और अपने आसपास के लोगो को उनके बास्तविक रूप में ही स्वीकार करना . और अगर ऐसा न हुआ तो हमारे मानसिक स्वस्थ्य पर उसका क्या प्रभाव पड़ सकता है। आखिरकार मानसिक विकार किसी की गलती नहीं इसलिए इससे जूझने से बेहतर है इससे जुड़ी पहलुओं को समझना और समाधान ढूंढना। तो चलिए, सुनते है आज की कड़ी।.....साथियों, अभी आपने सुना कि हम जिस रूप में हैं हमें खुद को और अपने आस पास के लोगों को अपने वास्तविक रूप में ही स्वीकार करना चाहिए। आप हमें बताएं कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि आज के समय में अक्सर लोग दूसरों को निचा दिखाने की कोशिश करते हैं बिना इसकी परवाह किये की उनके मानसिक स्वास्थ्य पर इस बात का क्या असर पड़ेगा ? आपके अनुसार इस तरह के भेदभाव को हमारे सोच और समाज से कैसे मिटाया जा सकता है ? दोस्तों इस से जुड़ी आपके मन में अगर कोई सवाल है तो जरूर रिकॉर्ड करे. अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। हम आपके सवाल का जवाब तलाशने की पूरी कोशिश करेंगे। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें https://www.youtube.com/@mykahaani
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जीबदास साहू आम के फल नहीं आने का कारण और उसके उपचार के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पूरी जानकारी विस्तार से सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.