विश्व मिट्टी दिवस के अवसर पर गायघाट के बकरी पंचायत में ब्रह्मस्थान के पास मिट्टी की जांच के बारे में बीटीएम राजन कुमार झा ने बताया उन्होंने बताया हमें समय-समय पर मिट्टी की जांच करवानी चाहिए ताकि हम अच्छी फसल उठा पाए अच्छी फसल उठा पाए हमें हमें रासायनिक खाद का कम उपयोग करना चाहिए और गोबर का खाद का उपयोग ज्यादा करना चाहिए इस अवसर पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाया गया

सिवान आज हम पहुंचे हुए हैं दरौली विधानसभा क्षेत्र के डरैला गांव में जहां के मुरली कुमार सिंह ने अपनी कमजोरी को अपने इरादों से नामुमकिन को भी मुमकिन बना दिया है। दिव्यांग होने के बावजूद मुरली ने हमेशा हौसला बनाए रखा और हाथ- पैर नहीं होने के बावजूद भी अपने हुनर की बदौलत परिवार का जीवन यापन करते आ रहे है। 3 फीट 2 इंच के मुरली सिंह बिना पैरों के जब वे नाचते हैं तो पूरी महफिल ही लूट लेते हैं। लोग सीटी बजाने लगते हैं। यहीं नहीं वह एक मिनट में 40 शब्द कंप्यूटर पर टाइप कर लेते हैं। मोबाइल चलाने के लिए हाथ की जरूरत नहीं पड़ती है।पूरी जानकारी के लिए लिंक को अभी क्लिक करें।

बिहार राज्य के सारण ज़िला के सोनपुर से साक्षी कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से विभा देवी से हुई। विभा देवी बताती है कि जल ही जीवन है। प्रतिदिन जल का उपयोग होता लेकिन जल का दुरूपयोग भी अधिक होता है। सभी को पता है कि मीठा जल कम है और खारा जल अधिक है। अगर मीठा जल को इसी प्रकार दुरूपयोग किया जाए तो आने वाला समय संकट भरा होगा। जल बचाने के लिए हमे कुछ कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। जैसे अगर नल से जल का इस्तेमाल कर रहे है तो काम ख़त्म होने पर नल को अच्छे से बंद कर देना चाहिए। वहीं जैसे कपड़ा धोने में अगर पानी का ज़रुरत ज़्यादा नहीं है तो हमें अत्यधिक पानी का उपयोग नहीं करना चाहिए।

बिहार राज्य के सारण ज़िला के सोनपुर प्रखंड के पहाड़ीचक से संजीत कुमार की बातचीत मुजफ्फरपुर मोबाइल वाणी के माध्यम से गौतम से हुई।गौतम कहते है कि मनुष्य के जीवन में जल बहुत महत्वपूर्ण है।सोनपुर ,हाज़ीपुर में दो नदी होने के बावज़ूद जल पीने लायक नहीं है।इसका मुख्य कारण जल प्रदूषण है। फैक्टरियों व घरों के नाले से होते हुए गन्दगी जल में जा कर मिल जाती है। साथ ही जो सैप्टिक टैंक है ,सरकार के निर्देशानुसार 3 फ़ीट का बनना चाहिए परन्तु लोग 10 फ़ीट तक इसका निर्माण करते है। इससे गन्दगी भूजल से मिल कर उसे दूषित करती है। इसलिए 3 फ़ीट तक ही सैप्टिक टैंक का निर्माण करना चाहिए। तमाम तरह से जल प्रदूषित हो रहा है ,जिस पर युवाओं को आगे आ कर कुछ सकारात्मक उपाय करना चाहिए और जागरूकता फ़ैलानी चाहिए।

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला के दरौंदा प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता सुधीर पांडेय ने अनिल कुमार से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि पेयजल की जो समस्या है अभी तो बहुत हद तक सही है। सरकार ने जगह जगह पर चापाकल भी लगवाया है। नल जल के माध्यम से हर जगह पेयजल भेजा जा रहा है। अभी नल जल योजना को पूरा तरह से सक्षम नहीं कह सकते हैं लेकिन सरकार का प्रयास सराहनीय है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

बिहार राज्य के सारण जिले के गरखा से मनीष कुमार ने नवनिर्वाचित मुखिया सम्पतराम राही से "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ " विषय पर साक्षत्कार लिया। सम्पतराम राही ने बताया कि "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ " सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है और इसे सफल बनाने के लिए पूरा जोर दिया जा रहा है। बेटी धान के बीज के समान होती है। जैसे धान का बीज जमीन में लगाया जाता है एवं पौधा आने पर उसे उखाड़ कर दूसरे जगह लगाया जाता है ,वहीं वह फलता-फूलता है,उसी प्रकार बेटी का जनम कहीं और होता है और विस्तार कहीं और होता है। बेटियाँ दो परिवार को जोड़ने का काम करती है। बेटियाँ आज जहाँ प्रतियोगिता में भाग ले कर शिखर पर पहुँच रही हैं वहीं देश के ऊँचे-ऊँचे पदों की शोभा बढ़ा रही हैं। जैसे- वकील,जज,पॉयलट इत्यादि। साथ ही इनका कहना है कि वर्तमान समय शिक्षा का युग है ,इसलिए हर बेटी को पढ़ना और जीवन में आगे बढ़ना चाहिए।पंचायत के मुखिया होने के नाते सम्पतराम बेटियों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन करेंगे और दूसरे पंचायतों की बेटियों को भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इनका विचार है कि बेटा और बेटी में कोई अंतर नही है,जो पढ़ेगा वही आगे बढ़ेगा। सभी को अपनी बेटी पढ़ना चाहिए। बेटी पढ़ेगी,आगे बढ़ेगी तभी समाज एवं देश का कल्याण होगा। अशिक्षित परिवार बेटी के जनम लेने पर मायूस होते हैं। शिक्षित परिवार बेटी के महत्व को समझते हैं और ख़ुशी मनाते हैं।

बिहार राज्य के सिवान जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता अजय ने मिथिलेश से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वर्त्तमान समय में बेटियाँ किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है।पहले की अपेक्षा लोगों की सोच काफी बदली है।अब लोग अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। अगर ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा का प्रचार-प्रसार हो तो लोग और ज्यादा जागरूक होंगे

बिहार राज्य के सिवान जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता अनीश ने मोबाइल वाणी श्रोता से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना चल रही है। जिसका उद्देश्य बेटियों को आगे बढ़ाना और पढ़ाना है।इस योजना का लाभ शून्य से ले कर 10 साल तक की बेटियों को मिल सकता है।इस योजना के लिए अभिभावक और बच्ची का खाता साथ में डाक विभाग में खोला जाता है। इसके बाद प्रत्येक महीने एक हजार रुपए की राशि जमा की जाती है।यह राशि 15 साल तक अभिभावक द्वारा जमा करवाई जाती है।जब बेटी की उम्र 18 वर्ष हो जाती है तो बेटियों की पढ़ाई के लिए भी यह पैसा इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर 18 वर्ष में यह पैसा नहीं निकाला गया तो बच्ची जब 21 वर्ष की हो जाती है,तो इस योजना का समय पूरा हो जाता है। जिसके बाद सुविधानुसार इन पैसों का इस्तेमाल किया जा सकता है

बिहार राज्य के आंदर प्रखंड के खेढाए पंचायत के सरपंच जगमोहन भगत से "बेटियों की शिक्षा "विषय पर साक्षात्कार लिया गया । जगमोहन भगत ने बताया कि बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं है। जितना दर्द बेटा को जन्म देने में होता है उतना ही दर्द बेटी को जन्म देने में भी होता है।दोनों को एक जैसा खाना खिलते हैं,फिर शिक्षा में भेद-भाव क्यों किया जाता है ?शिक्षा भी सामान रूप से बेटा-बेटी को मिलना चाहिए।दोनों को बराबर सम्मान मिलना चाहिए।जगमोहन भगत भेद-भाव करने वालों का विरोध करते हैं। पीढ़ियों से लोगों की यह धारणा है कि बेटियों को ज्यादा शिक्षा की आवश्यकता नही है। समाज में बेटियों के साथ हो रहे घिनौने अपराध को लेकर भी लोग बेटियों को शिक्षा के लिए बाहर भेजने से कतराते हैं लेकिन हमारी बेटी का मनोबल अच्छा रहेगा एवं आगे बढ़ने की इच्छा रहेगी तो,उसको कोई नही रोक सकता है। वो जरूर आगे बढ़ेगी।लोगों को सुझाव देते हुए जगमोहन भगत कहते हैं कि अपनी बेटी को निर्भय बनाइए,पढ़ने,बिजनेस करने,इत्यादि के लिए सहयोग कीजिए तथा आगे बढ़ाइए। अब बेटियों को बांध के रखने का समय नहीं है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के सिवान जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता राहुल दरौली प्रखंड के नवीन कुमार से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल कॉलेज दूर होते हैं। जिसके कारण अभिभावक बेटियों को सुरक्षा की दृष्टि और साधन के अभाव में पढ़ने नहीं जाने देते हैं।लेकिन अब इस मामले में थोड़ा बदलाव नजर आने लगा है। सरकारी योजनाओं की मदद से अब बेटियाँ भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।बेटियों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा। जिससे वो प्रोत्साहित भी हो रही है