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बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला के बाराह जगन्नाथ से अंश गुप्ता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह कहते हैं कि वह कागज को काट कर बहुत ही अच्छी चीजें बना लेते हैं और चित्रकला भी कर लेते हैं

सिवान आज हम पहुंचे हुए हैं दरौली विधानसभा क्षेत्र के डरैला गांव में जहां के मुरली कुमार सिंह ने अपनी कमजोरी को अपने इरादों से नामुमकिन को भी मुमकिन बना दिया है। दिव्यांग होने के बावजूद मुरली ने हमेशा हौसला बनाए रखा और हाथ- पैर नहीं होने के बावजूद भी अपने हुनर की बदौलत परिवार का जीवन यापन करते आ रहे है। 3 फीट 2 इंच के मुरली सिंह बिना पैरों के जब वे नाचते हैं तो पूरी महफिल ही लूट लेते हैं। लोग सीटी बजाने लगते हैं। यहीं नहीं वह एक मिनट में 40 शब्द कंप्यूटर पर टाइप कर लेते हैं। मोबाइल चलाने के लिए हाथ की जरूरत नहीं पड़ती है।पूरी जानकारी के लिए लिंक को अभी क्लिक करें।