दोस्तों 5 सितंबर भारतीय कैलेंडर में एक स्मारक दिवस है, जो एक महान दूरदर्शी शिक्षाविद् और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है । इस दिन शिक्षकों द्वारा की गई उन सभी अथक सेवाओं को याद किया जाता है जो युवा भावी पीढ़ियों के दिमाग को आकार देती हैं। तो आइये साथियों आज के दिन हम और आप सभी मिलकर शिक्षकों को उनके योगदान के लिए कोटि कोटि धन्यवाद कहें। और साथ ही समस्त मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

यह एपिसोड बताता है कि हम अपने रोज़मर्रा के जीवन में कैसे छोटे-छोटे बदलाव करके बिजली और पानी बचा सकते हैं। इससे न सिर्फ हमारा खर्च कम होगा, बल्कि हम अपनी धरती की भी रक्षा कर पाएंगे। आसान तरीकों से हम सभी मिलकर पर्यावरण को बचाने में मदद कर सकते हैं।क्या आपने भी अपनी ज़िन्दगी में कुछ ऐसे बदलाव किए हैं? अगर हाँ, तो हमें बताइए।

दोस्तों, हमारे आपके बीच ऐसी महिलाओं के बहुत से उदाहरण हैं, पर उन पर गौर नहीं किया जाता. अगर आपने गौर किया है तो हमें जरूर बताएं. साथ ही वे महिलाएं आगे आएं जो घंटों पानी भरने और ढोने का काम करती हैं. उनका अपना अनुभव कैसा है? वे अपने जीवन के बारे में क्या सोचती हैं? क्या इस काम के कारण उनका जीवन नरक बन रहा है? क्या वे परिवार में पानी की आपूर्ति के चक्कर में अपना आत्मसम्मान खो रही हैं? क्या कभी ऐसा कोई वाक्या हुआ जहां पानी के बदले उनसे बदसलूकी की गई हो, रास्ते में किसी तरह की दुर्घटना हुई हो या फिर किसी तरह के अपशब्द अपमान सहना पडा?

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

नए नए आजाद हुए देश के प्रधानमंत्री नेहरू एक बार दिल्ली की सड़कों पर थे और जनता का हाल जान रहे थे, इसी बीच एक महिला ने आकर उनकी कॉलर पकड़ कर पूछा कि आजादी के बाद तुमको तो प्रधानमंत्री की कुर्सी मिल गई, जनता को क्या मिला, पहले की ही तरह भूखी और नंगी है। इस पर नेहरु ने जवाब दिया कि अम्मा आप देश के प्रधानमंत्री की कॉलर पकड़ पा रही हैं यह क्या है? नेहरू के इस किस्से को किस रूप में देखना है यह आप पर निर्भर करता है, बस सवाल इतना है कि क्या आज हम ऐसा सोच भी सकते हैं?

गांव आजीविका और हम के इस कड़ी में हम हमारे विशेषज्ञ जीवदास साहू द्वारा जानेंगे बरसात के मौसम में बैगन की अच्छी फसल के लिए सिंचाई और दवा के बारे में।अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

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माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे समूह व बैंक ,माइक्रो फाइनेंस समूह से लोन लेने से जुड़ी जानकारी..

29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद की जयंती है। मेजर ध्यानचंद को उनके अद्वितीय हॉकी कौशल और खेल के प्रति समर्पण के लिए याद किया जाता है। उन्होंने भारत को हॉकी में कई अंतरराष्ट्रीय जीत दिलाकर देश का गौरव बढ़ाया है। आज के दिन खेल के क्षेत्र में अहम योगदान देने वाले खिलाड़ियों को भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित करते हैं। बच्चों और युवाओं में खेल के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से,स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया जाता है। जगह - जगह खेल के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाता है। दोस्तों , खेल प्रतिस्पर्धा और मनोरंजन के दायरे से परे हैं। उनमें जीवन बदलने, चरित्र निर्माण करने और सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने की शक्ति है।आइए आज राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर हम प्रण करें कि हम खेलेंगे और लोगों को खेलने के लिए प्रेरित करेंगे। मोबाइल वाणी परिवार की तरफ से राष्ट्रीय खेल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।