बिहार राज्य के सारण जिले के गरखा से मनीष कुमार ने नवनिर्वाचित मुखिया सम्पतराम राही से "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ " विषय पर साक्षत्कार लिया। सम्पतराम राही ने बताया कि "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ " सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है और इसे सफल बनाने के लिए पूरा जोर दिया जा रहा है। बेटी धान के बीज के समान होती है। जैसे धान का बीज जमीन में लगाया जाता है एवं पौधा आने पर उसे उखाड़ कर दूसरे जगह लगाया जाता है ,वहीं वह फलता-फूलता है,उसी प्रकार बेटी का जनम कहीं और होता है और विस्तार कहीं और होता है। बेटियाँ दो परिवार को जोड़ने का काम करती है। बेटियाँ आज जहाँ प्रतियोगिता में भाग ले कर शिखर पर पहुँच रही हैं वहीं देश के ऊँचे-ऊँचे पदों की शोभा बढ़ा रही हैं। जैसे- वकील,जज,पॉयलट इत्यादि। साथ ही इनका कहना है कि वर्तमान समय शिक्षा का युग है ,इसलिए हर बेटी को पढ़ना और जीवन में आगे बढ़ना चाहिए।पंचायत के मुखिया होने के नाते सम्पतराम बेटियों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन करेंगे और दूसरे पंचायतों की बेटियों को भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इनका विचार है कि बेटा और बेटी में कोई अंतर नही है,जो पढ़ेगा वही आगे बढ़ेगा। सभी को अपनी बेटी पढ़ना चाहिए। बेटी पढ़ेगी,आगे बढ़ेगी तभी समाज एवं देश का कल्याण होगा। अशिक्षित परिवार बेटी के जनम लेने पर मायूस होते हैं। शिक्षित परिवार बेटी के महत्व को समझते हैं और ख़ुशी मनाते हैं।