बिहार राज्य के आंदर प्रखंड के खेढाए पंचायत के सरपंच जगमोहन भगत से "बेटियों की शिक्षा "विषय पर साक्षात्कार लिया गया । जगमोहन भगत ने बताया कि बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं है। जितना दर्द बेटा को जन्म देने में होता है उतना ही दर्द बेटी को जन्म देने में भी होता है।दोनों को एक जैसा खाना खिलते हैं,फिर शिक्षा में भेद-भाव क्यों किया जाता है ?शिक्षा भी सामान रूप से बेटा-बेटी को मिलना चाहिए।दोनों को बराबर सम्मान मिलना चाहिए।जगमोहन भगत भेद-भाव करने वालों का विरोध करते हैं। पीढ़ियों से लोगों की यह धारणा है कि बेटियों को ज्यादा शिक्षा की आवश्यकता नही है। समाज में बेटियों के साथ हो रहे घिनौने अपराध को लेकर भी लोग बेटियों को शिक्षा के लिए बाहर भेजने से कतराते हैं लेकिन हमारी बेटी का मनोबल अच्छा रहेगा एवं आगे बढ़ने की इच्छा रहेगी तो,उसको कोई नही रोक सकता है। वो जरूर आगे बढ़ेगी।लोगों को सुझाव देते हुए जगमोहन भगत कहते हैं कि अपनी बेटी को निर्भय बनाइए,पढ़ने,बिजनेस करने,इत्यादि के लिए सहयोग कीजिए तथा आगे बढ़ाइए। अब बेटियों को बांध के रखने का समय नहीं है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।