मोतीपुर के मठियाँ गाँव के समीप गुरुवार की रात बूढ़ी गंडक नदी का दक्षिणी बांध टूटते- टूटते बचा। जल संसाधन की टीम और सैकड़ों स्थानीय लोगों की मदद से टूटते बांध को बचा लिया गया हालांकि अब भी बांध टूटने की संभावना को लेकर प्रशासन सतर्क है वहीं आमलोग दहशत में है। बांध टूटने की स्थिति में होनेवाली तबाही को लेकर आस पास के सैकड़ों परिवारों ने नदी के सुरक्षित बांध पर अपना टेंट लगा लिया है। अपने मवेशियों और परिजनों के साथ बांध पर चले गए हैं। सूचना पर अनुमंडलाधिकारी पश्चिमी अनिल कुमासर दास ने मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया। जल संसाधन की टीम और अंचलाधिकारी को कई निर्देश दिए। लोगों का मानना है कि अगर इस जगह पर बांध टूटता है तो मोरसन्डी, कल्याणपुर हरौना, नरियार, महिमा गोपीनाथपुर, पट्टीअसवारी पंचायत के तमाम गाँव सहित मोतीपुर नगर पंचायत के सभी वार्ड पानी में डूब जायेंगें। मोतीपुर बाजार के भी पानी में डूबने के आसार हैं वहीं नरियार के समीप एन एच 28 के भी क्षतिग्रस्त होने के कयास लगाए जा रहे हैं। अगर बांध टूटता है तो मोतीपुर के इतिहास में यह पहली घटना होगी जब बूढ़ी गंडक नदी के बांध के टूटने से इतनी बड़ी जल प्रलय हुआ हो। जानकारी के अनुसार गुरुवार को उक्त जगह पर तकरीबन 50 फिट में कटाव होने लगा। लोगों ने इनकी जानकारी अंचलाधिकारी और जल संसाधन विभाग को दिया। जल संसाधन की टीम ने कटाव रोकने और बांध की मरम्मती का शुरू कर दिया। रात के तकरीबन आठ बजे ऐसा लगा कि बांध टूट जाएगा। जिसके बाद लोग अपने सामानों और परिजनों को लेकर बांध के सुरक्षित हिस्सो पर चले गए। ग्रामीणों ने भी बांध की मरम्मती में विभागीय टीमों का सहयोग किया। अंचलाधिकारी कुमार भष्कर ने बताया कि बांध की मरम्मती का कार्य जारी है। किसी भी हालात से निपटने के लिए प्रशासन तैयार है।