ईद मिलाद उन नबी पर रविवार को मशरक प्रखंड के मशरक तख्त, चांद कुदरिया,सुन्दर,हरपुर,मदारपुर,बहरौली,दुरगौली,कवलपुरा,सौनौली विभिन्न इलाकों में जुलूस निकला। यह जुलूस प्रखंड के प्रमुख इलाकों का भ्रमण करते हुए गांव के मस्जिद के पास पहुंचा। प्रखंड के उप प्रमुख साहेब हुसैन उर्फ टुनटुन, मशरक प्रखंड के मुखिया संघ के अध्यक्ष अमर सिंह, बहरौली मुखिया अजीत सिंह, राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रखंड अध्यक्ष इम्तियाज खान उर्फ चुन्नू बाबू, रालोसपा नेता शौकत अली, जौहर अली, मौलाना रिजवान साहब, मंजू हाफिज, मोहम्मद फारूक रसीदी, पूर्व मुखिया इजहार आलम ने लोगों को पैगम्बर मोहम्मद के विचारों से प्रेरित ,इस दिन समाज में सद्भाव और एकता, करुणा की भावना को बढ़ाने का संदेश दिया। मशरक तख्त मौलाना कैमुदीन ने हजरत मुहम्मद साहेब के जीवनी व पैगामों से लोगों को अवगत कराया और बताया कि आज 10 नवंबर को मिलाद-उन-नबी के तौर पर पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्म की खुशी में पूरे देश समेत मशरक प्रखंड में पर्व मनाई जा रही है। मिलाद उन नबी के अवसर पर इस्लाम के अंतिम प्रवर्तक हज़रत मोहम्मद साहब को याद किया जाता है। हज़रत मोहम्मद के दिए हुए पैगाम जिसमें उन्होंने आपसी भाईचारे और अमन चैन की बात कही है, इस पर अमल करने की हमेशा से तरहीज दी जाती है।हज़रत मोहम्मद हमेशा से सहिष्णुता को अपनाने पर जोर दिया करते थे, उनका मानना था कि हम सब एक समान हैं। हमें सौहार्द और सद्धभावना के पथ पर हमेशा चलना ।इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रबी-अल-अव्वल यानि कि तीसरे महीने में यह पर्व मनाया जाता है। इस महीने की 12वीं तारीख को 571 ई में पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्म हुआ था।साथ ही भाईचारे व मोहब्बत के साथ लोगों को रहने के लिए प्रेरित किया। ईद मिलाद उन नबी को लेकर मस्जिदों व मदरसों को भव्य रुप से सजाया गया था।