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बता दें कि राज्य में 6 जनवरी से सभी स्कूल कॉलेज और कोचिंग बंद हो चुके हैं इससे छात्रों के पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है बता दें कि स्कूल कॉलेज बंद हो जाने से छात्र अपनी पढ़ाई अच्छे तरीके से नहीं कर पा रहे हैं और ऑनलाइन पढ़ाई करने में भी काफी नेटवर्क प्रॉब्लम हो रहा है जिससे छात्रों की पढ़ाई सही ढंग से नहीं हो पा रही है हमारे साथ एक छात्र जुड़े जिनका नाम धीरज कुमार था धीरज के द्वारा बताया गया कि राज्य में स्कूल कॉलेज और कोचिंग बंद हो जाने के कारण बस उनका पढ़ाई सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा है वे सरकार से यह निवेदन करते हैं कि सरकार को 50% उपस्थिति के साथ कॉलेज और कोचिंग को अवश्य खोला जाए उक्त बात 12th क्लास में पढ़ने वाले स्टूडेंट धीरज कुमार के द्वारा कही गई !

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साथियों, क्या आपने इस कोरोना काल के दौरान आपने शिक्षकों को तलाशने की कोशिश की? क्या आपने उनसे उनका हाल जाना? क्या आपके आसपास ऐसे लोग हैं जो पहले शिक्षक थे लेकिन कोविड काल में नौकरी जाने के बाद अब कोई दूसरा काम कर रहे हैं? क्या आपको नहीं लगता कि सरकार को शिक्षकों की आर्थिक स्थिति सुधारने पर ध्यान देने की जरूरत है? स्कूल बंद होने और शिक्षकों के ना रहने से आपके बच्चों की पढ़ाई पर कितना असर पड़ा है? अगर आप शिक्षक हैं, तो हमें बताएं कि कोविड काल के दौरान आपको किस तरह की परेशानियां आईं और क्या अब आपके हालात पहले जैसे हैं? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

स्कूल खुलते ही बच्चे स्कूल जाने को तैयार हो चुके हैं और पिछले 18 महीने से घर पर रह कर चिंतित हुए बच्चे अब स्कूल जाकर खुश दिख रहे हैं वही बच्चों से जाना कि उनकी पढ़ाई कैसी चल रही है तो उन्होंने बताया कि पिछले 18 महीनों से स्कूल बंद रहने के कारण वश हम लोगों की पढ़ाई नहीं हो पाई तथा हम लोगों के पास किसी प्रकार का ऑनलाइन पढ़ाई करने का साधन नहीं था लेकिन अब स्कूल खुलने से हम लोग अपनी पढ़ाई दोबारा पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं उक्त बातें प्राथमिक विद्यालय के छात्र संतोष गड़ेरी द्वारा कही गई

मल्हीपुर पंचायत के ग्राम बादलगढ़ के निवासी अर्जुन पासी अपने बच्चे को विद्यालय में पढ़ने के लिए विदा कर रहे हैं इस कोरोनावायरस में उनके बच्चे मल्हीपुर पंचायत में ट्यूशन के सहारे पढ़ रहे थे फिर विद्यालय खुलने से विद्यालय में भी पढ़ाई करने के लिए बच्चे जा रहे हैं

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