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दोस्तों, , कोरोना संक्रमण का असर 2 सप्ताह या अधिकतम 1 माह में खत्म हो जाता है. इसके बाद जैसे ही पीडित की रिपोर्ट नेगेटिव आती है, उस समय से 3 माह बाद कोरोना टीके की पहली डोज लगवा सकते हैं .

दोस्तों, सरकार के प्रयासों से देश की अधिकांश जनता ने कोविड टीके की दोनों खुराके ले ली हैं पर फिर भी हमारे बीच कोरोना संक्रमण का खतरा कम नहीं हो रहा है. इसकी वजह है कि अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं, जो कोरोना टीके के बारे में भ्रमित हैं... यानि अफवाहों के चलते उन्होंने टीकाकरण नहीं करवाया है. जिसकी वजह से हमारे समाज में अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है. और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

दोस्तों,कोविड का टीका हर तरह के परीक्षण के बाद तैयार किया है और फिर आम नागरिकों तक पहुंचा है. असल में कोरोना का टीका शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है. इससे शरीर को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता. टीके के प्रभाव से कुछ लोगों को हल्का बुखार या फिर टीका लगने वाले स्थान पर दर्द हो सकता है लेकिन यह क्षणिक है. यानि एक दो दिन में खुद ठीक हो जाता है. इससे ना तो माहवरी बंद होती है ना ही उस दौरान दर्द होने जैसी कोई समस्या आती है. और ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें .

आपको बता दें कि एक बार फिर जिले में कोरोना के नए केस मिले हैं इसके साथ ही स्वास्थ विभाग भी कहीं ना कहीं लापरवाह दिख रहा हैं हर दिन लगभग कोरोना का नया केस समाने आ रहा है। शनिवार को भी 11 नए कोरोना पॉजिटिव लोग पाए गए हैं। हालांकि, पूर्व से संक्रमित चार मरीज स्वस्थ्य भी हुए हैं। जिन्हें संक्रमण मुक्त घोषित कर दिया गया है। ऐसे में जिला में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 35 रह गई है।

दोस्तों, कोविड बचाव का टीका गर्भवती महिलाओं और उनके शिशुओं पर कोई बुरा असर नहीं डालता. बल्कि ये तो आपकी कोरोना से रक्षा करेगा. आशा दीदी तो खुद घर—घर जाकर गर्भवती महिलाओं को ये टीका लगवाने की सलाह दे रहीं हैं. गर्भवती महिलाएं प्रसव के तत्काल बाद कोविड बचाव टीका लगवा सकती हैं. जब भी टीका लगता है तो कुछ लोगों को हल्का बुखार, बदन दर्द होता है, लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए. इससे आपको या बच्चे को कुछ नहीं होगा. ये सारी तकलीफ कुछ देर में ठीक हो जाती है. और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

साथियों, जब वैक्सीन बनाई जाती है तो उसमें किसी जीव के कुछ कमज़ोर या निष्क्रिय अंश होते हैं जो बीमारी का कारण बनते हैं. ये शरीर के 'इम्यून सिस्टम' को संक्रमण की पहचान कर उनके ख़िलाफ़ शरीर में एंटीबॉडी बनाने में मदद करते हैं. वैक्सीन लगने के कुछ वक़्त बाद ही आप उस बीमारी से लड़ने की इम्यूनिटी विकसित कर लेते हैं. कोविड वैक्सीन भी हमारे शरीर में यही काम करती है. ऐसे में अगर किसी को कोरोना हो भी जाए तो वह जल्दी ही उससे ठीक हो जाता है . साथियों, हमें ये बताएं कि आपके आसपास के लोग कोविड बचाव वैक्सीन के बारे में क्या सोचते हैं? और कोरोना के मामले कम होने के बाद लोग किस तरह की लापरवाही बरत रहे हैं? कहीं आप भी तो कोरोना को हल्के में नहीं ले रहे? खैर कोविड वैक्सीन के बारे में अपनी राय, सुझाव, अनुभव और किस्से... जो भी हैं.. उन्हें हम तक पहुंचाएं. ताकि और लोग भी उसे सुन सकें, सीख सकें.

चेनारी प्रखंड के मल्हीपुर पंचायत के ग्राम सिंहपुर के एक महिला कोरोना वैक्सीन लेने से 24 घंटा राही जिंदा उसके बाद उसके हो गया मौत यह महिला 70 वर्ष थे सदोखर पंचायत में राकबा गांव में कोरोना वैक्सीन ली थी.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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