किसान संजय कुमार बताते है,की वो 6बीघा पर खेती करते है,लेकिन उसमें 15 कठा उनका जमीन है,बाकी वो नगदी लेकर खेती करते है,सुखार से तो उनको हानी हुआ लेकिन उसका फायदा जमीन उनका नही रहने के कारण नही हुआ।

किसान रामानुज जी बताते है कि जो रैयत जमीन था उस पर सरकार द्वारा घोषणा की गई सूखा अनुदान तो प्राप्त हुआ लेकिन जो गैर रैयत जमीन था जिसके खेती में नुकसान उठाना पड़ा सूखा के कारण,उसका कुछ भी छति पुर्ती नही मिला,खेती में हमे नुकसान उठाना पड़ा और पैसा उन्हें मिला जो ज़मीन मालिक है,जो वास्तव में खेती किया ही नह

कृषि समन्वयक मोहन जी बताते है की सूखा घोषित होने के बाद किसानों को क्या सुबिधा मील रही है और उसके लिए उन्हें क्या-2 जरूरी कदम उठाने पड़ते है।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.