विजय कुमार सिंह,जमुई के सिकंदरा प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि शिक्षा में बदलाव जरुरी। आज जिस प्रकार की शिक्षा हमारे देश के छात्रों को दी जा रही है उससे उसके अन्दर देश प्रेम और अर्चिता का संस्कार नहीं है क्योकि भारत की जो वास्तविक सभ्यता और संस्कृति है आज के दौर की शिक्षा से उसका कोई सरोकार नहीं है.शिक्षा प्रत्येक प्रकार के अपेक्षित परिवर्तन के सुधार से जुडी होती है, आज शिक्षा उस स्थिति में पहुँच गयी है जिसे परिवर्तन की अपेक्षा संस्कारी बनाना शिक्षा का प्रथम देय होना चाहिए लेकिन अब ऐसा नहीं होता है और इसके दुष्परिणाम कई रूपों में हमारे सामने आ रहे है। आज हमारे देश के नागरिक पश्चिमी सभ्यता की ओर अग्रसर होते जा रहे है।