रोहतास जिले के चर्चित काला हिरण शिकार मामले में तत्कालीन चेनारी थानाध्यक्ष पर बड़ी गाज गिरी है। फिल्म स्टार सलमान खान का शौक पालने वाले दारोगा की नौकरी चली गई। जांच के बाद शाहाबाद डीआईजी ने तत्कालीन चेनारी थानाध्यक्ष शंभू कुमार दो को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। इस संबंध में शुक्रवार को अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता डीआईजी ने विस्तार से जानकारी दी। शाहाबाद के डीआईजी नवीन चंद्र झा ने बताया कि गत 15 सितंबर 2023 को रोहतास जिले के चेनारी थानाक्षेत्र के लॉजी गाँव से गुप्त सूचना के आधार पर काला हिरण के माँस सहित सिंग के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान चेनारी थानाक्षेत्र के लॉजी गाँव निवासी राजू बेग पिता स्वर्गीय कुदुश बेग के रूप में की गई थी। चेनारी के तत्कालीन थानाध्यक्ष शंभू कुमार के द्वारा इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। अपने वरीय पदाधिकारीयों एवं वन विभाग को सूचित नही किया गया। निजी लाभ के उद्देश्य से काला हिरण के मांस की बात को छिपाते हुए गिरफ्तार अभियुक्त राजू बेग को पीआर बॉण्ड पर थाने से ही छोड़ दिया गया था। डीआईजी ने बताया कि इसके बाद इस घटना की सूचना रोहतास वन विभाग को हुई, तो वन विभाग के द्वारा चेनारी थाना परिसर से ही काला हिरण का 05 किलो माँस एवं माँस लगा काले हिरण का सिंग बरामद किया गया। इस संबंध में वन विभाग के द्वारा तत्कालीन थानाध्यक्ष शंभू कुमार दो के खिलाफ कारवाई करते हुए उन्हें अभियुक्त बनाते हुए अपने कोर्ट में केस दर्ज किया गया। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी विनीत कुमार द्वारा पूरे मामले में जाँच का आदेश सासाराम एसडीपीओ को दिया गया। एसडीपीओ द्वारा जाँच में पुलिस अवर निरीक्षक शम्भू कुमार-दो द्वारा इस प्रकरण में काफी अनियमितता बरतते हुए अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतने के लिए दोषी पाया गया। इसके बाद जाँच प्रतिवेदन के आधार पर तत्कालीन थानाध्यक्ष शंभू कुमार-दो को निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध रोहतास जिला विभागीय कार्रवाई प्रारंभ किया गया। जिसमें जाँच पदाधिकारी द्वारा पुलिस अवर निरीक्षक शंभू कुमार दो को दोषी पाया गया। डीआईजी ने यह भी बताया कि पूरे मामले की अपने स्तर गहराई से जाँच की गई। जांच में तत्कालीन थानाध्यक्ष चेनारी शंभू कुमार को अपने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता, कर्तव्यहीनता, संदिग्ध आचरण, भ्रष्टाचार व अपने पद का दुरुपयोग कर अनैतिक लाभ के आरोप में दोषी पाते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। डीआईजी ने कहा कि बिहार पुलिस द्वारा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। चाहे जो भी पुलिस कर्मी या पुलिस पदाधिकारी हो ऐसे कार्यों में लिप्त पाए जाने पर उनके विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।