बिहार राज्य के जिला मुंगेर से विपिन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि मुंगेर प्रखंड क्षेत्र में आज जिस प्रकार की शिक्षा छात्रों को दी जा रही है उससे बिहार एवं राष्ट्रीयता की भावना नहीं पनप रही है। शिक्षा प्राप्त करने का उद्देश्य अब केवल पैसा कमाना मात्र रह गया है क्योंकि बिहार की जो वास्तविक सभ्यता एवं संस्कृति है आज के दौर की शिक्षा से उसका कोई सरोकार नहीं रह गया है. शिक्षा प्रत्येक प्रकार के अपेक्षित परिवर्तन तथा सुधार की धुरी होती है। आज शिक्षा उस स्थिति में पहुंच गई है कि उसमें परिवर्तन की अपेक्षा हर तरफ से की जा रही है। स्टूडेंट्स को शिक्षित करने के साथ ही उन्हें संस्कारी बनाना शिक्षा का प्रथम उद्देश्य होना चाहिए लेकिन अब ऐसा कहीं दिखाई नहीं दे रही है और इसके दुष्परिणाम कई रूपों में हमारे सामने आ रहे हैं। आज हमारे बिहार के नागरिकों नौजवानों पर पश्चिमी सभ्यता का भूत सवार होता जा रहा है। वे अपनी संस्कृति एवं सभ्यता को भूलते ही जा रहे हैं।