किसान रामानुज जी बताते है कि जो रैयत जमीन था उस पर सरकार द्वारा घोषणा की गई सूखा अनुदान तो प्राप्त हुआ लेकिन जो गैर रैयत जमीन था जिसके खेती में नुकसान उठाना पड़ा सूखा के कारण,उसका कुछ भी छति पुर्ती नही मिला,खेती में हमे नुकसान उठाना पड़ा और पैसा उन्हें मिला जो ज़मीन मालिक है,जो वास्तव में खेती किया ही नह