बिहार राज्य के मुंगेर जिला से दीपक कुमार आर्य जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि निश्चित तौर पर जल ही जीवन है। मानसून के समय में भारत में जोरदार बारिश होती है।इस समय अगर जल संचय किया जाए तो जल संकट से बचा जा सकता है। मानव अभी अपने चरम विकास पर है और इस विकास के क्रम में प्रकृति का भरपूर दोहन किया जा रहा है।और इसी दोहन में पानी की भी बर्बादी भी की जा रही है। पुरे विश्व में दो प्रतिशत मीठे पानी का श्रोत है जिसे मानव अपने पीने के प्रयोग में करता है। अक्सर देखा जाता है कि आम जन पानी की बर्बादी करते है और जब पानी की किल्लत होती है तो वही आम जन सड़को पर उतर आते है।कई लोग नल खुला छोड़ देते है जिससे पानी की बर्बादी देखा जा सकता है । इनका कहना है कि इनके गावं के अधिकतर तालाब सुख चुके है और अभी बहुत कम ऐसे तालाब है जहां पर लोगो द्वारा वर्षा के पानी का संचय किया जाता है।