ज्योति कुमारी,जिला जमुई के सिकंदरा प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि विज्ञान को अभिशाप बनने नहीं देना चाहिए।विज्ञान का यह युग समाज में वरदान के साथ साथ अभिशाप भी है।आवश्यकता की पूर्ति और विकास की दौड़ में इतना प्रदुषण फैलाया जा रहा है की खुली हवा में जीवन दिन प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है।कल-कारखानों से निकलने वाला भारी कार्बनडाईऑक्साइड की वजह से गोलबवार्मिंग का भी खतरा विश्वव्यापी हो गया है।वही दूसरी ओर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई जारी है।पर्यावरण को बचाना हमारी जिम्मेवारी है इसलिए जहाँ भी हम पेड़ों की कटाई करते है वहाँ कम से कम दो पेड़ अवश्य लगाना चाहिए।इसलिए इनका कहना है की आस-पास के वातावण को स्वच्छ रखना चाहिए क्योकि वृक्षरोपण एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिये हम विज्ञान को अभिशाप बनने से रोक सकते है।