जिला मधुबनी,प्रखण्ड सिकंदरा से विजय कुमार सिंह जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि सरकार के मुताबिक देश में अबतक 1157 शहर खुले में शौच से मुक्त है।सरकारी आंकड़ों की माने तो यह प्रशंसनीय है। लेकिन क्या ये वाकई में सही आंकड़ा है? आप कभी रेल यात्रा करे तो सुबह-सुबह कितने ही लोग खुले में शौच करते हुए दिखेंगे।झुग्गी झोपड़ियों में रह रहे लोगों के लिए खुले में शौच जाना आम बात है।इससे बिमारियों को आमंत्रण मिलता है। सरकार को यह समझाना होगा की मात्र शौचालय के निर्माण से खुले में शौच मुक्त घोषित नहीं किया जा सकता।जबतक लोगों को शौचलय प्रयोग करने के लिए प्रेरित नहीं किया जायेगा तबतक इस दिशा में लिए गए कदम सफल नहीं हो पाएंगे।