बिहार राज्य के जिला जमुई,प्रखंड सिकंदरा से ज्योति कुमारी जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रही है कि हमें कपड़े से बने थैले का इस्तेमाल करें।अक्सर प्रदूषण का ख्याल हमें तब आता है, जब हम इसकी वजह से बीमार पड़ते है।तरह-तरह की बिमारियों की मुख्य वजह भी यही है। जाने-अनजाने मानव की क्रियाकलापों की वजह से वायुमंडल प्रदूषित हो रहा है।समय पर वर्षा कम होना एक प्रकार की चेतावनी जैसी है।हमारी नदियाँ भी इस प्रदूषण का शिकार हो चुकी है। जहाँ-तहाँ कचरे का ढ़ेर दिखाई देता है और इन कचड़ो में सबसे ज्यादा हानिकारक प्लास्टिक है । इसलिए प्लास्टिक के थैले का बहिष्कार करें और कपड़े से बनी थैली का इस्तेमाल करें।