जिला जमुई,प्रखण्ड सिकंदरा से विजय कुमार जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि सरकारी स्कूलों की स्थिति काफी ख़राब है।इसमें कई खामियाँ हो सकती है जिसमे शिक्षा प्रणाली से लेकर सरकार की शिक्षा के प्रति उदासीनता शामिल है।लेकिन शिक्षा और सिद्धांतो के अमूल्यम में शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान है।आज पुराने शिक्षक ही पन्द्रह बीस सालो से कार्यरत है और वही पुराने तरीके अपना रहे है।जबकि पुराणी शिक्षा पद्धति में जमीन-आसमान का अंतर आ चूका है।कुछ वरीय शिक्षक इस नयी पद्धति को क्रियाशील बनाये हुए है और इस ज़माने के शिक्षा पद्धति के अनुरूप सबको ढ़ाल चुके है और इनकी संख्या बहुत कम है।अधिकतर शिक्षकों को अध्ययन और अध्यापन में रूचि नहीं है सिर्फ आजीविका के लिए इस सेवा में आये हुए है।इस दशा में सुधार के लिए एपीजे अब्दुल कलाम जी बाते याद आती है इन्होने भारत निर्माण के लिए शिक्षकों को अपने आत्मनियंत्रण नयी शिक्षा पद्धति और प्रौद्योगिकी से अध्ययन करने को बल दिया है।शिक्षा में सुधार के लिए सरकार को ध्यान देना चाहिए।