जिला जमुई के सिकंदरा प्रखंड से विजय कुमार जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि एक तरफ भारत सरकार घर घर शौचालय बनवाने के अभियान में जुटी है तो दूसरी ओर ट्रेनों में शौचालय के लिए लोगो को लाइन लगाना पड़ता है।साथ ही ट्रेनों में शौचालय की संख्या सबसे काम होती है।सामान्यतः एसी और स्लीपर क्लास बोगियों में 72 यात्रियों की सीटें होती है,पर सामान्य बोगियों का हाल इससे भी बुरा है,सामान्य रूप से 18 लोगों पर एक शौचालय आता है जो घर या परिवार के लिहाज़ से भी कम है। सामान्य बोगी में सीटों के अनुरूप ज्यादा यात्री होते हैं ऐसे में लोगो को शौचालय जाने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है,ट्रेनों का शौचालय का गन्दा होना या इसमें पानी ख़त्म होना आम बात है। ट्रेनों में शौचालय की व्यवस्था को ठीक करने के लिए सरकार को विचार करने की आवश्यकता है।