माँ मुझको एक पैसा दे दो मैं पैसों का पेड़ लगाऊंगी नहीं होगा फिर कोई गरीब मैं सबको पैसे देकर आऊंगी। उगेंगे जब खूब सारे पैसे मैं गरीबी मिटाऊंगी। महंगाई के जमाने में मैं मसीहा बन जाऊंगी। भूखे हैं न जाने कितने मासूम उन्हें भोजन दिलवाऊंगी मां मुझको पैसे देदो मैं पैसे का पेड़ लगाऊंगी दिव्य श्वेत