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झारखंड राज्य के धनबाद जिला के तोपचांची प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता फर्केश्वर महतो जानकारी दे रहे हैं कि तोपचांची के 30 वर्षीय मजदूर गिरधारी महतो की मृत्यु महाराष्ट्र में हो गई।उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, जिसके बाद पूरा गांव शोक में डूब गया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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झारखण्ड राज्य धनबाद जिला से तेहरिन नेमोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हॉस्पिटल प्रबंधक और मजदुर संघ के मांग पत्र पर वार्ता हुई

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अगर इस जहां में मजदूरों का नामोंनिशां न होता, फिर न होता हवामहल और न ही ताजमहल होता!! नमस्कार /आदाब दोस्तों,आज 1 मई को विश्व अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस या मई दिवस मना रहा है।यह दिन श्रमिक वर्ग के संघर्षों और विजयों से भरा एक समृद्ध और यादगार इतिहास है। साथियों,देश और दुनियाँ के विकास में मजदूर भाई-बहनों का योगदान सराहनीय है।हम मजदूर भाई-बहनों के जज्बे को सलाम करते हैं और उनके सुखमय जीवन की कामना करते हैं। मोबाइल वाणी परिवार की तरफ से मजदूर दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !

इंदू कंपनी को मजदूरों के साथ दोहरी नीति नहीं अपनानी चाहिए अन्यथा चक्का जाम किया जाएगा कांग्रेस नेता रणविजय सिंह ने कहा। नमस्कार मै संवाददाता तेहरिन फातिमा । शहर में काम कर रही इंदु कंपनी ने अचानक चार सौ मजदूरों को बैठा दिया। कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस नेता के साथ बीजीकेएमएस के महासचिव रणविजय सिंह को सूचित किया। आज मुंडी इंदु कंपनी के कार्यालय पहुंचने पर श्री सिंह ने प्रबंधक से पूछा। प्रीतम रावनी छोटू सिंह संतोष सिंह राहुल सिंह महेश कुमार रमेश पासवान गुड्डू सिंह और सैकड़ों लोग मौके पर मौजूद थे।

महिलाओं की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी और उसके सहारे में परिवारों के आर्थिक हालात सुधारने की तमाम कहानियां हैं जो अलग-अलग संस्थानों में लिखी गई हैं, अब समय की मांग है कि महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए इसमें नए कामों को शामिल किया जाए जिससे की ज्यादातर महिलाएं इसका लाभ ले सकें। दोस्तों आपको क्या लगता है कि मनरेगा के जरिए महिलाओँ के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। क्या आपको भी लगता है कि और अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए ?

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?