नदी की साँसें लौट आई हैं... सूर्य का तेज और तेज हो रहा है... प्रकृति की पूजा का अनूठा पर्व छठ... शुरु हो चुका है. दोस्तों आप सभी को छठ महापर्व की शुभकामनाएं.. इस त्यौहार से जुड़ी आपके पास बहुत सारी कहानियां होंगी... बचपन के किस्से होंगे, गीते होंगे.. यादें होंगी... क्यों ना इस बार मोबाइलवाणी के मंच पर उन सभी किस्सों, कहानियों, यादों को समेंटा जाए... कुछ रिकॉर्ड किया जाए... कुछ ऐसा जो लोगों को प्रेरणा दें, साहस दे, ज्ञान दे... और साथ ही साथ मनोरंजन भी. चलिए तो फिर जल्दी से फोन में नम्बर 3 का बटन दबाइए और रिकॉर्ड कीजिए छठ से जुड़ा आपका सबसे अच्छा पल, सबसे पंसदीदा गीत या फिर कहानी..

"दीपावली है रौशनी का त्योहार , संग लाता है सुख और समृद्धि अपार , झूम रहा खुशियों से घर-संसार समेट लो अपनों का साथ और प्यार" दोस्तों, दीपावली को रौशनी का त्यौहार कहा जाता है। आज ही के दिन श्री राम अपने 14 वर्ष के वनवास को पूरा कर के कार्तिक मास की अमावस्या को अपने घर अयोध्या लौटे थे। लौटने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत कुछ यूँ किया....कि पुरे शहर को मिट्टी के दीयों से जगमग कर डाला।अमवस्या की काली रात रौशनी में डूब गई। तब से ये सिलसिला चलता आ रहा है और लोग इस परंपरा को पीढ़ी दर पीढ़ी निभाते चले आ रहे हैं । दीपावली की तैयारी घर की साफ-सफाई के साथ कुछ दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। फिर दीपावली के दिन मिट्टी के दीयों के साथ लोग बिजली की रंग बिरंगी बत्तियों ,आम पत्तों,फूलों की मालाओं,रंगोली ,इत्यादि से अपने घर- आंगन को सजाते हैं। तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं,मिठाइयां खाई जाती है,खूबसूरत कपड़े पहने जाते हैं और उपहार के साथ दोस्तों रिश्तेदारों से मिलकर खुशियां मनाई जाती है।ये पर्व है दोस्तों के साथ खुशियां बाँटने का और अपनों से मेल मिलाप कर के यादें बटोरने का। साथियों ,आइए आज दीपावली के दिन हम एक दीपक जलाएं विश्व में प्रेम,शांति,सद्भावना और भाईचारा के नाम। आप सब को ग्राम वाणी परिवार के तरफ से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !

Transcript Unavailable.

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नमस्कार...आदाब दोस्तों... रहमतों की बारिश का... पाक माह रमजान शुरू हो गया है... दोस्तों... ये महीना अपने साथ दुआएं लाता है, खुशियां लाता है, ख्वाहिशें भी लाता है... और इन्ही के पीछे पीछे चली आती हैं... सालों पुरानी यादें... रमजान के साथ आप सभी की कोई ना कोई याद जरूर जुड़ी होगी... जैसे वो पहला रोजा... या फिर चांद देखने की होड़, परिवार के साथ रोजा खोलने का कोई किस्सा, कोई पकवान जो आपके रोजे खोलने की रस्म को मुक्कमल कर देता है... या फिर घर पर अपने बड़ों से मिलने वाली ईदी. या छोटो को ईदी देने की चाह.. और नहीं तो रमजान पर खरीददारी से जुड़ा कोई दिलचस्प किस्सा... जैसे गैर मुस्लिम होते हुए भी अपने मुस्लिम पडोसियों या फिर दोस्तों के घर जाकर सेवईयां खाना... रमजान में कोई मनपसंद तोहफा मिलना या फिर मम्मी से जिद करके ईद से पहले ही सेवईंया बनवा लेना... अगर आपके पास कोई भी याद है... रमजान से जुड़ा आपके मन में कोई भी प्यारा सा ख्याल है... कोई किस्सा, शायरी, कहानी, चुटकुला.. कुछ भी… तो बस आप उसे मोबाइलवाणी के जरिए हर आम इंसान तक पहुंचाइए... ताकि आपके साथ साथ हर कोई रमजान के महत्व को जाने और समझे… आपकी यादों से हर कोई जुड़ जाये. तो बस अभी फ़ोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड कीजिये....