झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से तफज्जुल आज़ाद ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि आज शिक्षा इनती महँगी हो गई है कि गरीब और माध्यम वर्ग के लोग अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए असमर्थ होते जा रहे हैं। बच्चे को सरकारी स्कूल में भेजा जाता है , तो बच्चे को उचित शिक्षा नहीं मिलती है , केवल समय बर्बाद होता है । और यदि बच्चे को निजी स्कूल में भेजते हैं तो फिर विभिन्न मांगें की जाती हैं।यूनिफार्म से लेकर जूते और किताबें सभी को निजी दुकानों से लेना पड़ता है , जो स्कूल संचालक द्वारा एक विशेष कमीशन पर तय किया होता है । एक बच्चे के चार ड्रेस लेने पड़ते हैं.क्योंकि निजी स्कूलों में हर दिन का अलग रंग का ड्रेस होता है।