आज पुरा देश आजादी के अमृत महोत्सव पर जनजातीय गौरव दिवस मनाने में जुटा है। वहीं दूसरी ओर,धनबाद जिला के रोवाम गाँव के निवासी झारखंड सरकार से सम्मानित कवि,साहित्यकार निर्देशक एवं खोरठा गीतकर विनय तिवारी खोरठा भाषा के संरक्षण, संवर्धन एवं विकास के लिए भितिचित्र के माध्यम से इसे निरंतरता दे रहे हैं। ताकि वर्तमान पीढ़ी के साथ- साथ हमारा भविष्य भी भाषा एवं संस्कृति से मज़बूती से जुड़ा रहे। “खोरठा भाषा सीखें एवं विलुप्त होते खोरठा के शव्दों को बचाएं।” इस थीम के साथ चित्रात्मक पाठशाला सजधजकर तैयार हो रही है। भित्तिचित्र पाठशाला के माध्यम से खोरठा समुदाय की विलुप्त हो रही भाषा को संरक्षित करने का अनूठा कार्यक्रम विनय तिवारी खोरठा विकास एवं शोध केंद्र रोवाम धनबाद द्वारा चलाया जा रहा हैI खोरठा गीतकार विनय तिवारी का उद्देश्य झारखंड की विशिष्ट कला संस्कृति को समृद्ध बनाना, ग्रामीणों को सामाजिक, आर्थिक,शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक रुप से सशक्त बनाना है।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।