झारखण्ड राज्य बोकारो जिला से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से किशोरी नायक बताया की के भारत में शिक्षा के क्षेत्र का क्या महत्व है ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है। हमारे देश के करोड़ों बच्चे हर सुबह अपना बस्ता लेकर स्कूल जाते हैं। हर माता-पिता की तमन्ना रहती है कि उनका बच्चा पढ़-लिखकर खूब बड़ा बने और दुनिया में खूब नाम रोशन करे। इन स्वप्नों को पूरा करने में स्कूल और हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। लेकिन विडंबना है कि लोगों के जीवन को गढ़ने वाली यह पाठशाला आजकल एक ऐसे भयावह काले वातावरण से घिरती जा रही है जिससे निकलना फिलहाल तो काफी मुश्किल नजर आ रहा है। यह काला स्याह वातावरण व्यावसायिकता का है। वो व्यवसायिकता, जिसने अच्छी शिक्षा को सिर्फ रईस लोगों की बपौती बनाकर रख दिया है और साधारण तथा मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा नसीब की बात हो गई है। क्योकिं आज कल के शिक्षक सरकारी स्कूल में खानपूर्ति के लिए आते है। इस कारण साधारण तथा मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा मिल पाना मुश्किल हो चूका है। एक यह कारण भी है की शिक्षक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाते है। इस कारण भी शिक्षा का स्तर गिरा है।