प्रकृति कभी किसी के भाव से नहीं चलता, इसका संरक्षण बहुत जरूरी है। किसी भी वस्तु का अत्यधिक होना या उसके पीछे भागना नुकसान देह है। प्यार और भावना हमे पर्यावरण से जोड़ता जरूर है, पर उसके प्रति झुकाव होना जरूरी है।
प्रकृति कभी किसी के भाव से नहीं चलता, इसका संरक्षण बहुत जरूरी है। किसी भी वस्तु का अत्यधिक होना या उसके पीछे भागना नुकसान देह है। प्यार और भावना हमे पर्यावरण से जोड़ता जरूर है, पर उसके प्रति झुकाव होना जरूरी है।