कोई भी सोच टेक्नोलॉजी के विरुद्ध बातों को नहीं रखते, बस फर्क इतना होता है मानव के मस्तिष्क का उपयोग कम न हो। पूर्ण ऑटोमेटेड टेक्नोलॉजी में मानव प्रयत्न कभी कम होता हे। बहुत कम लोग ये मल्टीटास्किन हो पाते है।टेक्नोलॉजी एक समुद्र के भाती काम करते हे। अगर आप आय के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो उसमें व्यवसाय के अनंत उपाय हैं, अगर उसे आप सामाजिक दूरियां मिटाने के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं तो अनगिनत विकल्प है। इसे किसी विचार जोड़ना उचित नहीं होता। विकास के लिए आवश्यक हे। परन्तु मुख्यतः लोग उसपर लोग या तो सामाजिक या फिर उसे व्यवसाय से जोर पाते हे। बस फर्क इतना होता हे की आपका सोच कैसा है।