बोकारो इस्पात नगर की कविता कुमारी खुद अंधेरे में रह कर बच्चों के बीच ज्ञान की रोशनी बिखेर रही है। जब वह एक माह की थी, तभी उसके आंखों की ज्योति चली गई। इसके बाद उसकी मुश्किलें जरूर बढ़ीं, लेकिन हौसला कम नहीं हुआ।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।